प्रोविडेंट फण्ड में जारी रह सकता है सरकार का योगदान, समयसीमा बढ़ाने पर फोकस
नई दिल्ली, मोदी सरकार Atmanirbhar Bharat Rojgar Yojana (ABRY) की डेडलाइन बढ़ाने पर विचार कर सकती है। क्योंकि श्रम और रोजगार मंत्रालय (Labor Ministry) ने इसे टार्गेट पूरा न होने के कारण बढ़ाने का फैसला किया है। इसका प्रस्ताव मंजूरी के लिए केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जा सकता है। इससे इसकी समयसीमा को मौजूदा के 30 जून से बढ़ाकर अगले साल मार्च तक हो सकती है।
क्या है ABRY
सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय महामारी के बीच देश में नई नौकरी की संख्या बढ़ाने के लिए इस योजना की समयसीमा बढ़ा सकता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ABRY को बीते साल दिसंबर में मंजूरी दी थी। इस योजना के तहत सरकार कर्मचारियों के अनिवार्य भविष्य निधि अंशदान (Provident fund contribution) का पेमेंट करने के अलावा दो साल के लिए नई नियुक्तियों पर नियोक्ताओं के योगदान का भी भुगतान करती है।
किसके लिए है फायदेमंद
22,810 करोड़ रुपये के खर्च की इस योजना के तहत 1 अक्टूबर, 2020 से 30 जून, 2021 तक नियुक्त होने वाले कर्मचारी आएंगे। सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ABRY की समयसीमा को 30 जून, 2021 से बढ़ाकर मार्च, 2022 तक करने के लिए कैबिनेट प्रस्ताव को जारी करने की प्रक्रिया में है। सूत्रों ने कहा कि अभी तक इस योजना से 21 लाख नए नियुक्त कर्मचारियों को फायदा हुआ है। यह सरकार के 58.5 लाख के अनुमान से काफी कम है।
सरकार करेगी टार्गेट पूरा
सूत्रों ने कहा कि ऐसे में श्रम मंत्रालय योजना की समयसीमा को बढ़ाकर अगले साल मार्च तक करना चाहता है। इस योजना के लिए कोष का आवंटन 58.5 लाख लाभार्थियों की संख्या को ध्यान में रखकर किया गया था।
2023 तक मिलेगा फायदा
महामारी के दौरान सरकार ने Jobs के मौके बढ़ाने और कर्मचारियों को राहत के लिए कई कदम उठाए हैं। एबीआरवाई इनमें से एक उपाय है। इसके तहत सरकार ने 2020 से 2023 तक क्रियान्वयन की पूरी अवधि के लिए 22,810 करोड़ रुपये का आवंटन किया है।