भारत ने पूर्वी लद्दाख में T-90 भीष्म और T-72 अजय टैंक किए तैनात, चीन के उड़े होश
लेह: भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में किसी भी चीनी आक्रमण को विफल करने के लिए पूर्वी लद्दाख सेक्टर में अपने टी-90 भीष्म और टी-72 अजय टैंक तैनात किए।
चीन की सीमा से बमुश्किल 40 किलोमीटर दूर एक स्थान पर ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हमले के संचालन का अभ्यास करते हुए टी-90 भीष्म टैंक रेजिमेंट द्वारा किए गए टैंक युद्धाभ्यास का एक वीडियो ट्वीट किया गया है।
चीन के साथ सीमा पर तनाव के बाद भारतीय सेना ने अपनी बख्तरबंद रेजिमेंटों को तैनात किया और पूर्वी लद्दाख सेक्टर में 14,000 फीट से 17,000 फीट की ऊंचाई पर भारी मशीनों का अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करने के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को विकसित किया।
सेना के एक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “हम पहले ही पूर्वी लद्दाख में इन ऊंचाइयों पर -45 डिग्री तापमान पर एक साल बिता चुके हैं। हमने इन तापमानों और कठोर इलाकों में टैंकों को संचालित करने के लिए अपने एसओपी विकसित किए हैं।”
भारत और चीन दोनों ने अब तक पूर्वी लद्दाख में कई तनाव प्वाइंट से सैनिकों को वापस खींच लिया है। सैनिकों की नवीनतम वापसी गोगरा के क्षेत्र में और भारत व चीन के कोर कमांडरों के बीच 31 जुलाई, 2021 को पूर्वी लद्दाख में चुशुल मोल्दो पर वार्ता के बारहवें दौर में की गई थी।
विदेश मंत्रालय द्वारा जारी एक बयान में कहा, ”दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में बनाए गए अस्थायी ढांचे और अन्य संबद्ध बुनियादी ढांचे को ध्वस्त कर दिया गया है। दोनों पक्षों द्वारा क्षेत्र में भू-आकृति को बहाल कर दिया गया है। यह समझौता सुनिश्चित करता है कि इस क्षेत्र में एलएसी का दोनों पक्षों द्वारा कड़ाई से पालन व सम्मान किया जाएगा और यथास्थिति में एकतरफा बदलाव नहीं हुआ है।”
सरकार ने कहा कि भारतीय सेना आईटीबीपी के साथ देश की संप्रभुता सुनिश्चित करने और पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
चीन के साथ सीमावर्ती तनाव के बाद भारत ने पूर्वी लद्दाख में और उसके पास हवाई अड्डों पर अपने अग्रिम पंक्ति के टैंक, लड़ाकू विमान, हेलीकॉप्टर तैनात किए थे। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के किसी भी दुस्साहस से निपटने के लिए इलाके में करीब 50,000 सैनिक तैनात हैं।