जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण को इन चीजो का लगते हैं भोग, जानिए शुभ मुहूर्त….

देशभर में जन्माष्टमी का त्योहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन जन्माष्टमी मनाई जाती है. इस बार जन्माष्टमी 30 अगस्त 2021, सोमवार को मनाई जा रही है. वहीं, कुछ लोग 31 अगस्त को भी जन्माष्टमी मनाएंगे. महीने भर पहले से ही लोग जन्माष्टमी की तैयारियों में जुट गए हैं. भगवान श्री कृष्ण के जन्मोहत्सव को बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है. मंदिरों में भगवान श्रीकृष्ण की कई झाकियां बनाई जाती हैं. अष्टमी के दिन जन्में श्री कृष्ण को भगवान विष्णु का ही अवतार माना जाता है. इस दिन भगवान श्री कृष्ण के जन्म दिवस की खुशी में व्रत रखते हैं. रात को 12 बजे तक जाग कर भगवान की वंदना और स्तुति की जाती है. कई जगह भगवान के जन्मोत्सव पर जागरण भी किया जाता है. 

श्री कृष्ण के जन्म के समय अर्थात रात को 12 बजे श्री कृष्ण को माखन मिश्री का भोग (makhan mishri bhog) लगाया जाता है. वहीं, कई जगह भगवान के लिए 56 (56 bhog on janmashtami) भोग तैयार किए जाते हैं. घर में बने मंदिरों को गुब्बारे, फूलों और लाइट्स आदि से सजाया जाता है. वहीं, मंदिरों की शोभा भी देखने लायक होती है. घरों और मंदिरों में कान्हा जी के लिए पालना सजाया जाता है, जिस पर लड्डू गोपाल को नई पोशाक, गहने आदि से सजा कर बैठाया जाता है. इस दिन कान्हा जी को झूला झूलाने की भी मान्यता है. 

क्यों लगाते हैं माखन-मिश्री का भोग 
जन्माष्टमी के दिन श्री कृष्ण के जन्म के समय रात 12 बजे उन्हें सबसे पहले माखन-मिश्री का भोग लगाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि भगवान कृष्ण को सफेद मक्खन बहुत पसंद है. इसलिए उनकी मइया उन्हें रोज मक्खन मिश्री खिलाया करती थीं. इन रिति-रिवाजों को मानते हुए जन्माष्टमी के दिन कान्हा जी की जन्म की खुशी में भक्त मक्खन मिश्री का भोग तैयार करते हैं. मक्खन मिश्री का भोग बहुत जल्दी और आसानी से बन जाता है. इसके लिए ज्यादा कुछ करने की जरूरत नहीं होती. बस, सफेद मक्खन में मिश्री के दाने मिलाकर कान्हा जी को भोग लगा सकते हैं. (makhan mishri recipe)

जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त 
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी तिथि: – 30 अगस्त 2021
अष्टमी तिथि प्रारम्भ: – अगस्त 29, 2021 रात 11:25
अष्टमी तिथि समापन: – अगस्त 31, 2021 सुबह 01:59
रोहिणी नक्षत्र प्रारम्भ: – अगस्त 30, 2021 सुबह 06:39
रोहिणी नक्षत्र समापन – अगस्त 31, 2021 सुबह 09:44
निशित काल: –  30 अगस्त रात 11:59 से लेकर सुबह 12:44 तक
अभिजित मुहूर्त: – सुबह 11:56 से लेकर रात 12:47 तक
गोधूलि मुहूर्त: – शाम 06:32 से लेकर शाम 06:56 तक

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