उत्तराखंड के मसूरी में भूस्खलन से दो घरों को नुकसान, तीन लोगों आई चोटें
देहरादून, दो मकान क्षतिग्रस्त हो गए। इस दौरान मलबा और बोल्डर आने से कमरे में सो रहा एक व्यक्ति कमर तक मलबे में दब गया। उसे किसी तरह से बाहर निकाला गया। वहीं, दूसरे मकान में भी तीन युवक सो रहे थे, जिनको चोटें आई है। वहीं, दूसरी ओर बारिश और भूस्खलन से सड़कें छलनी हैं। टिहरी जिले में गंगोत्री हाईवे की मरम्मत का काम शुरू हो गया है। वहीं, पहाड़ की कटिंग कर वैकल्पिक रास्ता तैयार कर छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू कर दी गई है। इसी जिले में तोताघाटी में बंद बदरीनाथ हाईवे से मलबा हटाने का काम भी किया जा रहा है। हालांकि लगातार दरक रही पहाड़ी के कारण इसमें व्यवधान आ रहा है। पिथौरागढ़ और चमोली जिलों में चीन सीमा तक आवागमन अब भी नहीं हो पा रहा है। प्रदेश में कुल 114 सड़कों पर यातायात बाधित है। मौसम विभाग के अनुसार रविवार को भी प्रदेश में भारी बारिश के आसार बने हुए हैं। विशेषकर कुमाऊं के पिथौरागढ़, नैनीताल, चम्पावत और बागेश्वर जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है।
घरों तक पहुंचा पानी, ग्रामीणों में दहशत
जोशीमठ ब्लाक के गुलाब कोटी गांव में सुबह हुई मूसलधार बारिश के चलते भारी नुकसान की सूचना सामने आई है। ग्रामीण बढ़ते पानी केा देखते हुए घरों को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर चले गए, ग्रामीणों ने सूचना तहसील जोशीमठ को दी। तहसील प्रशासन मौके पर पहुंचा और स्थितियों का जायजा लिया। दरअसल, रविवार को सुबह जोशीमठ क्षेत्र में भारी बारिश हुई। इससे बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर बोल्डर आने से अवरुद्ध हो गया।
वहीं, गुलाब कोटी गांव में आवासीय भवनों के पास पानी अधिक आने से लोगों में दहशत का माहौल बन गया और वे अपने घरों को छोडकर सुरक्षित स्थानों पर चले गए। उपजिलाधिकरी जोशीमठ कुमकुम जोशी ने बताया कि तहसील की ओर से राजस्व उपनिरीक्षक लगातार मौके पर बने हुए हैं और गांव में किसी भी तरह की जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं हें। बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग से मलबा हटा दिया गया है।
प्रदेश में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। शुक्रवार को टिहरी जिले में ऋषिकेश से 38 किलोमीटर दूर चम्बा के पास फकोट में गंगोत्री राजमार्ग का 40 मीटर हिस्सा बह गया। शनिवार को सीमा सड़क संगठन की टीम ने इस हिस्से में मरम्मत का काम शुरू कर दिया है। अभी यहां मलबा हटाया जा रहा है, इसके बाद पहाड़ की कटिंग कर सड़क का निर्माण किया जाएगा। जिलाधिकारी इवा श्रीवास्तव ने बताया कि मार्ग को सुचारु करने में एक सप्ताह का समय लग सकता है। खतरे की आशंका को देखते हुए टिहरी जिला प्रशासन ने गंगोत्री और बदरीनाथ हाईवे पर यातायात पर अगले आदेशों तक रोक लगा रखी है। ये दोनों मार्ग गढ़वाल मंडल के टिहरी, उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों को जोड़ते हैं। इन मार्गों के बंद होने से वाहनों को मसूरी होते हुए वैकल्पिक मार्ग से गंतव्य को भेजा जा रहा है।
दून में सर्वाधिक 521 मिमी बारिश
प्रदेश में बुधवार से बारिश का दौर जारी है। बीते चार दिनों में सर्वाधिक 521 मिमी बारिश देहरादून में दर्ज की गई, जबकि बागेश्वर में 437 मिमी, नैनीताल में 368 मिमी, पिथारौगढ़ में 317 मिमी, ऊधमसिंह नगर में 268 मिमी और चमोली में 240 मिमी बारिश रिकार्ड की गई। अन्य जिलों में भी यह आंकड़ा 125 से 200 मिमी के बीच है।
नैनीताल-हल्द्वानी हाईवे का 40 मी. हिस्सा धंसा
बारिश और भूस्खलन से कुमाऊं में हालात गढ़वाल मंडल जैसे ही हैं। नैनीताल जिले में हल्द्वानी-नैनीताल हाईवे का करीब 40 मीटर हिस्सा दरक गया। इसके चलते दो घंटे तक यातायात ठप रहा। बाद में पहाड़ी में कटान कर वाहनों की आवाजाही शुरू कराई गई। दूसरी ओर पिथौरागढ़ जिले मेंमुनस्यारी के पास धापा गांव में पहाड़ से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से एक दुकान और मकान ध्वस्त हो गया। चम्पावत जिले में छठे दिन भी चम्पावत-टनकपुर राष्ट्रीय राजमार्ग नहीं खुल पाया है। लगातार गिर रहे मलबे के कारण रविवार को भी मार्ग खुलने की संभावना नहीं है।
हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा पर, कुमाऊं में शारदा का जलस्तर बढ़ा
बारिश के कारण पहाड़ से मैदान तक नदी-नालों में उफान हैं। हरिद्वार में गंगा चेतावनी रेखा को छूकर बह रही है, जबकि कुमाऊं में गोरी, काली और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है। चम्पावत में शारदा नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद रेड अलर्ट घोषित कर दिया गया है और बैराज पर वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।