रेरा ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पर 5 कारोंण के लगाए अर्थदण्ड

ग्रीनवुड़ आई जे ब्लाक के बुकलेट में किये गए वॉयदे को पूरा न करने के आरोप में रेरा ने लखनऊ विकास प्राधिकरण पर 5,01,960.00 का अर्थदण्ड लगाया है। लखनऊ जनकल्याण महासमिति के अध्यक्ष उमाशंकर दुबे ने बताया कि रेरा ने जारी अपने आदेश के कहा है कि प्रोमोटर द्वारा रेरा के आदेश दिनांक 03.06.2019 का अनुपालन नहीं किया गया । रेरा अधिनियम एवं अधिनियम के अधीन पारित प्राधिकरण के आदेशों के अनुपालन में त्रुटि के लिए प्रोमोटर के विरूद्ध अधिनियम की धारा -63 के अधीन अर्थदण्ड आरोपित किये जाने का पर्याप्त आधार है । रेरा अधिनियम की धारा -63 में यह प्राविधान है कि “ यदि कोई प्रवर्तक , जो प्राधिकरण के किन्ही आदेशों अथवा निर्देशों का अनुपालन करने में असफल रहता है या उनका उल्लंघन करता है तब तक वह प्रत्येक दिन के हिसाब से जितने दिन वह आदेश का पालन नही करता है पर अर्थदंड लगाया जाएगा जो परियोजना की अनुमानित लागत के 5 प्रतिशत तक हो सकती है । रेरा ने एलडीए को जारी अपने आदेश में कहा है कि पत्रावली में उपलब्ध आवंटन पत्र के अनुसार इकाई का कुल मूल्य 25 ,18,000.00 अंकित है । ऐसे में प्रमोटर के विरुद्ध रेरा के आदेश का अनुपालन न करने के आरोप में दिनांक 17.07.2019 से 31.01.2021 तक कुल चूक अवधि 564 दिन के लिए 890 प्रति दिवस की दर से 564 x 890 = रू 0 5,01,960.00 मात्र अर्थदण्ड लगाया जाता है । लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा अर्थदण्ड की सम्पूर्ण धनराशि उ 0 प्र 0 भू – सम्पदा विनियामक प्राधिकरण के नाम बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से 30 दिन के अन्दर प्राधिकरण में जमा करना होगा, साथ ही एलडीए को रेरा के आदेश दिनांक 03.06.2019 की अनुपालन आख्या भी 30 दिन के अन्दर रेरा को उपलब्ध करानी होगी । रेरा ने अपने आदेश में कहा है कि एलडीए द्वारा समयान्तर्गत अनुपालन न करने पर अर्थदण्ड की धनराशि की वसूली भू – राजस्व के बकाये की भांति सुनिश्चित करायी जायेगी । उमाशंकर दुबे ने बयाया कि रेरा ने ग्रीनवुड़ आई जे ब्लाक की अपील पर एलडीए को बुकलेट में किये गए वॉयदे को पूरा करने के आदेश दिए थे जिसमें एलडीए रेरा अपील में भी गया था लेकिन अपील से भी एलडीए को राहत नही मिली वही रेरा अपील से मिली शफलता के बाद शिकायतकर्ता उमाशंकर दुबे ने पहले ही हाईकोर्ट में कैविएट लगा रखी है।

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