जानिए किन लोगों के लिए किया जाता हैं एकादशी का श्राद्ध, और क्या इसके लाभ
इस बार पितृ पक्ष 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो गए हैं। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या को होगा। आओ जानते हैं एकादशी का श्राद्ध क्यों और किसके लिए किया जाता है और क्या है इसके 5 लाभ।
किन लोगों के लिए करते हैं श्राद्ध?
- जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) एकादशी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है।
- एकादशी तिथि को संन्यास लेने वाले व्यक्तियों का श्राद्ध करने की परंपरा है, जबकि संन्यासियों के श्राद्ध की तिथि द्वादशी (बारहवीं) भी मानी जाती है।
क्यों करते हैं श्राद्ध :
- पितृ पक्ष की एकादशी को इंदिरा एकादशी कहते हैं। इस एकादशी को श्राद्ध करने से पितरों को अधोगति से मुक्ति मिलती है।
- माना जाता है कि यदि आपके कोई पूर्वज जाने-अंजाने हुए अपने पाप कर्मों के कारण यमलोक में अपने कर्मों का दंड भोग रहे हैं तो इस एकादशी पर विधिपूर्वक व्रत करके इस व्रत के पुण्य को उनके नाम पर दान कर दिया जाए तो उन्हें इस दंड से छुटकारा मिलकर स्वर्ग की प्राप्ति होती है।
एकादशी पर श्राद्ध करने के लाभ :
- इस दिन व्रत रखकर श्राद्ध कर्म करने से पितरों के देव अर्यमा और भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
- इस एकादशी का व्रत रखने और श्राद्ध करने से कर्ज से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन पूजा करके आप जाने-अनजाने में हुए अपने पाप कर्मों से छुटकारा भी पा सकते हैं।
- इस एकादशी पर गाय, कौए, कुत्ते, चींटी, मछली को भी भोज्य कराएं और साथ ही पीपल देव के नीचे अन्न जल रखें। उपरोक्त सभी पहले देवताओं को अग्निग्रास दें। इस कर्म से एकादशी का फल दोगुना हो जाएगा और सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन शालिग्राम की मूर्ति का पूजन करें, ब्राह्मणों को भोजन कराने और पितरों का तर्पण करने से सभी तरह के संकट दूर हो जाते हैं और घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बढ़ती है। रुके हुए सभी कार्य पूर्ण हो जाते हैं।