बसपा से निष्कासित राम अचल राजभर और लालजी वर्मा ने अखिलेश का दिया साथ, मंच पर आए नजर

मायावती की पार्टी बसपा से निष्कासित राम अचल राजभर और लालजी वर्मा अब अखिलेश यादव के साथ हैं। सोमवार को लखनऊ में अखिलेश यादव की पत्रकार वार्ता में मंच में उनके साथ बैठे। कुछ दिनाें पहले इन दोनों नेताओं ने अखिलेश से मुलाकात भी की थी। बताया जा रहा है कि सात नवंबर को बसपा से निकाले गए लालजी वर्मा व रामअचल राजभर अकबरपुर में रैली करेंगे। सपा मुखिया अखिलेश यादव उसमें मुख्य अतिथि होंगे। दोनों ही नेताओं के सपा में आधिकारिक ज्वाइनिंग की घोषणा भी इस रैली में होगी। 

बसपा अध्यक्ष मायावती ने दोनों नेताओं को पिछले दिनों पार्टी से बाहर कर दिया था। इसके बाद से ही इन दोनों नेताओं के अगले कदम को लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे। राम अचल राजभर अकबरपुर सीट से विधायक हैं तो वहीं लालजी कटेहरी से विधायक निर्वाचित हुए थे। लालजी वर्मा की हैसियत का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि वह बसपा से निकाले जाने से पहले पार्टी के नेता विधानमंडल दल थे। राम अचल को राष्ट्रीय महासचिव तक की जिम्मेदारी मिली थी। दोनों नेताओं को मुख्यमंत्री मायावती के साथ उनकी कैबिनेट में भी शामिल किया गया था।
 

अखिलेश ने किया महंगाई के लिए बीजेपी पर वार: 

अखिलेश यादव ने यूपी की सरकार हमला बोलते हुए कहा कि बीजेपी के पास बढ़ती महंगाई के लिये कोई जवाब नहीं। जिन्हें आमदनी दुगनी करनी थी, उन्होंने महंगाई दुगनी कर दी। बीजेपी कपट के दलदल में झूठ का कमल खिला रही है। झूठ का कमल नहीं खिलेगा। जब इंटरनेशनल मार्केट में पेट्रोल डीजल के दाम कम थे,   तब भी केंद्र की बीजेपी सरकार जनता को मुनाफा खोरी के जरिये लूट रही थी। अखिलेश सवाल करते हुए कहा कि यह मुनाफा किसकी जेब मे जा रहा है। भ्रष्टाचार कितना बढ़ गया है। उप मुख्यमंत्री ने इस पर मुख्यमंत्री को चिट्ठी लिखी है।

कोरोना काल मे सरकार ने जनता को अनाथ छोड़ दिया। सपा सरकार में बन रहे मेडिकल कॉलेजों का बजट इस सरकार ने रोक दिया। भाजपा सरकार ने जानबूझकर कर लखनऊ के कैंसर इंस्टिट्यूट चालू नहीं होने दिया।पूर्वांचल एक्सप्रेस की लागत कम करने के लिये सरकार ने इसकी गुणवत्ता से समझौता किया। अखिलेश ने कहा कि सरकार चुनाव को देखते हुए कृषि कानून रद कर सकती है और चुनाव बाद फिर लागू कर देगी। उन्होंने कि जिस दरवाजे से भाजपा आई थी, उस दरवाजे को ओम प्रकाश राजभर बंद कर देंगे।

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