शरद पवार से आज मुलाकात करेंगी ममता बनर्जी, कांग्रेसी नेता से नहीं मिलेंगी दीदी
मुंबई: तृणमूल कांग्रेस (TMC) सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी तीन दिवसीय मुंबई दौरे पर हैं. उन्होंने अपने दौरे की शुरुआत मुंबई के सिद्धि विनायक मंदिर में गणपति बाप्पा के दर्शन करते हुए की. यहां उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. इसके बाद ममता ने शाम साढ़े सात बजे शिवसेना नेता और मंत्री आदित्य ठाकरे और सांसद संजय राउत से मुलाकात की.
आज TMC सुप्रीमो दोपहर तीन बजे NCP प्रमुख शरद पवार से उनके सिल्वर ओक बंगले में जाकर मुलाकात करेंगी. मगर इस पूरे तीन दिनों के दौरे में वे किसी कांग्रेसी नेता से नहीं मिलेंगी. बस ममता की इसी बात पर सवाल उठ रहे हैं. इस सवाल का जवाब आज संजय राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए दे दिया है. राउत ने कहा कि, ‘शरद पवार विपक्ष के सबसे बड़े नेता हैं. सबसे अनुभवी नेता हैं. ममता बनर्जी बंगाल की शेरनी हैं. उनकी पवार से मुलाकात बेहद महत्वपूर्ण है. मुलाकात तो उन्हें CM उद्धव ठाकरे से भी करनी थी. उनसे ममता दीदी का बेहद करीबी रिश्ता है. किन्तु CM ठाकरे की तबीयत को देखते हुए खुद ममता बनर्जी ने फैसला लिया कि उन्हें आराम करने दिया जाए. क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल करके गैर भाजपा सरकार के कार्यों में यहां भी रुकावटें डाली जा रही हैं और वहां भी. ऐसे में लंबी लड़ाई की तैयारी करना आवश्यक है.
राउत ने आगे कहा कि उस लड़ाई में सीएम उद्धव ठाकरे की बड़ी भूमिका रहेगी. इसलिए उन्हें पूरी तरह ठीक होने तक ममता दीदी ने आराम करने के लिए कहा है. उनकी तरफ से उनके बेटे मंत्री आदित्य ठाकरे और मैं दीदी से मिला था. जब पत्रकारों ने संजय राउत से सवाल किया कि क्या जानबूझ कर ममता बनर्जी कांग्रेस को अपने अभियान से अलग रख रही हैं ? आखिर वे सभी दलों के नेताओं से मिल रही हैं, पर कांग्रेस के नेताओं से क्यों नहीं मिल रही हैं? इस पर राउत ने कहा कि, ‘कांग्रेस के नेता यहां हैं कहां ? कांग्रेस के नेता तो दिल्ली में बैठते हैं. और जब ममता दीदी दिल्ली में थीं तो उनकी कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बात हुई.’ बता दें कि महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और मंत्री भी ये आरोप लगाते रहे हैं कि राज्य सरकार में शिवसेना और एनसीपी ही मिलकर सभी फैसले ले लेती है और कांग्रेस को तवज्जो नहीं देती. ऐसे में राउत का ये बयान कांग्रेस को नाराज़ कर सकता है कि उसके नेता महाराष्ट्र में नहीं हैं.