चीन द्वारा कानून बदले जाने के बाद हांगकांग में पहली बार कराया गया मतदान, जानें पूरा मामला

चीन द्वारा कानून बदले जाने के बाद हांगकांग में पहली बार रविवार को मतदान कराया गया। बीजिंग ने सीधे चुने गए विधायकों की संख्या कम कर दी है और केवल चीन के वफादार लोगों का ही प्रत्याशी बनना सुनिश्चित किया है। इस अर्ध-स्वायत्त क्षेत्र में 2014 और 2019 में लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शन हुए, लेकिन सुरक्षा बलों ने आंदोलन को कुचल दिया। इसके बाद राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया गया, जिसके कारण कई विपक्षी कार्यकर्ताओं ने चुप्पी साध ली और कई विदेश भाग निकले।

मतदान का फीसद कम रहने की आशंका है। मतदान शुरू होने के 11 घंटे बाद सिर्फ 1,184,829 पंजीकृत मतदाताओं या 26.49 फीसद ने अपना वोट डाला। रविवार को हुए मतदान से दूरी रखने वाले वार्टोन लेउंग ने कहा कि प्रत्याशियों का चुनाव करने के लिए विकल्प की कमी ने उत्साह पर पानी फेर दिया। यू वाइ-क्वान जैसे दूसरे लोग चुनाव को बेहतर हांगकांग के रूप में देख रहे हैं।हांगकांग की नेता कैरी लाम ने रविवार सुबह एक मतदान केंद्र का दौरा किया और कहा कि मतदान फीसद को लेकर उनकी कोई खास उम्मीद नहीं है। सरकार ने मतदान फीसद के लिए कोई लक्ष्य तय नहीं किया है।

हांगकांग की नेता कैरी लैम ने एक मतदान केंद्र का दौरा किया और कहा कि उन्हें मतदान के बारे में ‘कोई विशेष उम्मीद नहीं’ है। उन्होंने कहा, ‘मैं कहूंगी कि सरकार ने मतदाता मतदान दर के लिए कोई लक्ष्य निर्धारित नहीं किया है, न इस चुनाव के लिए, न ही पिछले चुनावों के लिए। किसी भी चुनाव में मतदाता मतदान दर को प्रभावित करने का कई कारण होते हैं। लीग आफ सोशल डेमोक्रेट्स के तीन प्रदर्शनकारियों ने मतदान केंद्र के पास सड़क पर प्रदर्शन किया। संवैधानिक और मुख्य भूमि मामलों के मंत्री एरिक त्सांग ने चेतावनी दी कि विदेशी ताकतें चुनावों को कमजोर करने का प्रयास कर सकती हैं क्योंकि विदेशी कार्यकर्ताओं ने वोट का बहिष्कार करने का आग्रह किया था। नए चुनाव कानूनों के तहत बहिष्कार और अवैध वोट डालने के लिए उकसाने पर तीन साल तक की जेल और 200,000 हांगकांग डालर (26,500 अमेरिकी डालर) का जुर्माना हो सकता है।

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