शिक्षा ही मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पथ प्रदर्शन का कार्य करती है: आनंदीबेन पटेल
लखनऊ : उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज प्रयागराज में प्रो0 राजेन्द्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय के चतुर्थ दीक्षान्त समारोह में उपाधि प्राप्त करने वाले करने वाले छात्र-छात्राओं से कहा कि शिक्षा ही वह परम स्रोत है, जो मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में पथ प्रदर्शन का कार्य करती है। शिक्षा न केवल संसाधनों का भरपूर प्रयोग करना सिखाती है, बल्कि मस्तिष्क को निखारती भी है। इसलिये हमारी युवा पीढ़ी का यह दायित्व है कि वे भारत के विकास में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। राज्यपाल जी ने कहा कि दीक्षान्त समारोह उनके वर्तमान कार्यों की समाप्ति और अपने सपनों को आकार देने के लिए एक नये अध्याय की शुरूआत का अवसर होता है। विद्यार्थी विश्वविद्यालय से अर्जित ज्ञान का उपयोग अपने सपनों को साकार करने के साथ ही समाज और राष्ट्र की सेवा में करें।
राज्यपाल जी ने मेधावियों को 132 मेडल प्रदान किये। जबकि 1,32,371 विद्यार्थियों को उपाधियां वितरित की गयी। उन्होंने पदक प्राप्त करने में बेटियों की संख्या बेटों से ज्यादा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि हमारी बेटियों द्वारा प्रदर्शित यह उत्कृष्टता एक विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के भविष्य का प्रतिबिंब है। उन्होंने सावित्री बाई फुले को याद करते हुए कहा कि वे भारत की पहली महिला शिक्षक थी जबकि उस समय उनके पास शिक्षण प्रशिक्षण की कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी और न ही उस समय बेटियों की शिक्षा के लिए सामाजिक माहोल था इन कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने यह मुकाम हासिल किया और आज की महिलाओं और बेटियों के लिए वे प्रेरणा स्रोत हैं।
कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय को चाहिए कि वह आज की अंतर्राष्ट्रीय चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए ऐसे उपयोगी पाठ्यक्रमों की रचना करें, जो वर्तमान आवश्यकताओं को पूरा करते हुए युवाओं को सही शिक्षा, ज्ञान और कौशल प्रदान करे। इससे विशाल मानव पूंजी प्राप्त होगी जो राष्ट्र-निर्माण के कार्यों में पूरी क्षमता के साथ कार्य करेगी।
राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से कहा कि आज आपके लिये अवसरों एवं कैरियर च्वाइस की भरमार है। आज निजी क्षेत्र में अनेक सम्भावनाएं हैं। इसके साथ ही स्वयं को रोजगार प्रदाता के रूप में भी अपने को विकसित कर सकते हैं। हमारे स्नातकां की विश्वभर में मांग है। हमने स्वयं को ज्ञान और कौशल के साथ दुनिया की मदद करने वाले देश के रूप में स्थापित किया है। इसलिये आप जो भी करते हैं आपको पूरे दिल से और ईमानदारी से करना चाहिये। सफलता के लिये लगन बुद्धि से भी अधिक महत्वपूर्ण है। यह जरूरी है कि आप अपने लिये सही अवसर खोजें और ऐसा कैरियर चुनें जहां आप फिट हों, जो काम आप करें आपकी पसंद का हो, जो भी काम आप स्वीकारें, उसे ईमानदारी एवं निष्ठा से करें।
राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा जिन छः गांवों को गोद लिया गया है, वे यह प्रण करें कि उन गांवों में कोई भी बच्चा टी0बी0, कुपोषण का शिकार न हो, उन गांवों में सभी पात्रों को सरकार द्वारा चलायी जा रही सभी योजनाओं का लाभ मिले, इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाये कि इन गांवों का कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
इस अवसर पर राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित भवनों का लोकार्पण किया। उन्होंने प्राथमिक विद्यालय के बच्चों व अध्यापकों को ज्ञानवर्धक पुस्तकों से भरे बैग, फल की टोकरी का वितरण किया तथा नीति दस्तावेजों व स्मारिका का विमोचन भी किया।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 दिनेश शर्मा ने छात्र-छात्राओं से कहा कि दीक्षान्त समारोह को शिक्षान्त न समझें यह दीक्षान्त समारोह आपके जीवन का एक अविस्मरणीय पल होता है, जिसमें छात्र-छात्राएं विभिन्न कठिनाइयों का सामना करने के बाद यह डिग्री और मेडल प्राप्त करते हैं आज यहा मेडल पाने वालों में छात्राओं की संख्या अधिक यह नारी सशक्तीकरण का एक उदाहरण है।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ0 अखिलेश कुमार सिंह ने वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि प्रोफेसर धीरेन्द्र पाल सिंह, कार्य परिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण एवं छात्र एवं छात्राएं उपस्थित थे।