शहर में धड़ल्ले से धुआं उगलते चल रहे इन वाहनो का परमिट दो साल पहले ही हो चुका रद…
शहरी क्षेत्र में डीजल से चलने वाली टेंपो का संचालन प्रतिबंधित है। इन टेंपो का दो साल पहले ही परमिट रद किया जा चुका है। इसके बावजूद यह वाहन धड़ल्ले से चल रहे हैं और वातावरण को दूषित कर रहे हैं। इससे शहर के लोग परेशान हैं लेकिन इनके खिलाफ परिवहन विभाग की ओर से कार्रवाई नहीं हो रही है।
शहर में सीएनजी उपलब्ध है
करीब चार साल से शहर में सीएनजी की उपलब्धता है। अब तक शहर भर में सीएनजी के छह पंप शुरू हो चुके हैं। इन पंपों से प्रतिदिन हजारों किलो गैस भरवाई जा सकती है। शहर में सीएनजी आने के साल भर बाद ही डीजल से चलने वाली आटो टेंपो को शहर से बाहर करने का फरमान कमिश्नर ने सुना दिया था। आदेश के बाद ही डीजल से चलने वाले करीब दो हजार टेंपो का शहर से परमिट रद कर दिया गया। हालांकि ऐसे वाहनों को अब तक हटाया नहीं गया है। ऐसे में यह टेंपो शहर की हवा को दूषित कर रही हैं। यह टेंपो अधिकतर स्टेशन, रामबाग, पानी टंकी, चौफटका, मुंडेरा, अलोपीबाग, गोविंदपुर, तेलियरगंज आदि से चल रही हैं। इन वाहनों के न हटने के चलते सीएनजी के वाहनों को परमिट नहीं मिल रहा है।
क्यों नहीं हटाए जा रहे डीजल से चलने वाले टेंपो
आरटीओ प्रवर्तन आरके सिंह ने बताया कि सभी डीजल टेंपो को हटाने का निर्देश दिया जा चुका है। हालांकि एआरटीओ प्रवर्तन की समस्या यह है कि इन गाडिय़ों को बंद करके कहां ले जाएं। इनको सीज करते हैं तो थाने में नहीं लिया जा रहा है। अगर पुलिस का सहयोग मिले तो शहर से हटा दिया जाए।
आरटीए की बैठक में रहेगा सीएनजी का मुद्दा
सीएनजी शहर में उपलब्ध है फिर भी आटो, टेंपो, बस आदि को सीएनजी का परमिट नहीं मिल रहा है। 13 फरवरी को होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) बैठक में इस मुद्दे पर कुछ फैसला हो सकता है।