गुजरात के वित्त मंत्री ने पेश किया बजट, जानिए ये अहम बिंदु
गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई ने गुजरात विधानसभा में वर्ष 2022-23 का 2 लाख 44 हजार करोड़ रुपए का बजट पेश किया. गत वर्ष की तुलना में 17 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ 2 लाख 44 हजार करोड़ रुपए का यह बजट गुजरात के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है.
वर्ष 2022-23 बजट के कुछ अहम योजनाएं इस तरह है.
- ‘सुपोषित माता, स्वस्थ बालक’ योजना के तहत गर्भवती महिलाओं और बच्चों के पोषण के लिए 1000 दिनों तक प्रति परिवार प्रतिमाह 1 किलो अरहर दाल, 2 किलो चना और 1 किलो खाद्य तेल मुफ्त प्रदान किया जाएगा
- ‘मुख्यमंत्री गौ माता पोषण योजना’ से पिंजरापोल व गौशाला में रहने वाले पशुओं एवं गोवंश के लिए योजना
- आदिवासी क्षेत्रों में 2 वर्ष में 500 नए मोबाइल टावर लगाए जाएंगे
- नवसारी जिले में पीएम मित्र योजना के तहत अद्यतन टेक्सटाइल पार्क,
- मोरबी में इंटरनेशनल सिरामिक पार्क और कौशल विकास के लिए नया आयुक्तालय स्थापित किया जाएगा
- 25 बिरसा मुंडा ज्ञान शक्ति रेजिडेंशियल स्कूल ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाएंगे
- प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन, मधु (शहद) क्रांति के लिए 10 हजार नए किसानों को सहायता, किसानों को रबी एवं ग्रीष्मकालीन फसलों के लिए ब्याज सहायता की योजना
- गुजरात के युवाओं को ‘माइंड टू मार्केट’ की अवधारणा से इनोवेशन यानी नवाचार और उद्यमिता की दिशा में प्रोत्साहित करने के लिए बजट में पांच साल के लिए 300 करोड़ रुपए और उसके तहत
- अगले वर्ष के लिए 60 करोड़ रुपए का प्रावधान
- युवाओं को प्रशिक्षित करने के लिए 51 नए भविष्योन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने के बजटीय प्रावधान
- 1600 किलोमीटर लंबे समुद्र तट वाले गुजरात के मछुआरा बंधुओं और पशुपालकों को कृषि के समान अल्पकालीन ऋण पर ब्याज राहत दी जाएगी. मछुआरों के लिए बजट में इस उद्देश्य से 75 करोड़ रुपए का प्रावधान
- राज्य के पांच नए बारहमासी बंदरगाहों के विकास और मत्स्योद्योग केंद्रों के निर्माण की योजना के लिए 201 करोड़ रुपए आवंटित किए जाएंगे
- पांच साल में 22 लाख नौकरियां, जिनमें 20 लाख प्राइवेट और 2 लाख सरकारी नौकरियां शामिल हैं, देने का वादा किया
- गुजरात में 12000 हजार तक कि मासिक आय वाले लोगो को व्यवसाय कर से मुक्ति दि
- गुजरात सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया
- सरकार 3 नए मेडिकल कॉलेज खोलेगी, बोटाद, जामखंभालिया (देवभूमि द्वारका) और वेरावल (गिर सोमनाथ) में खोले जाएंगे
- राज्य में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान के लिए चिकित्सा विश्वविद्यालय (Medical University) की स्थापना की घोषणा
- सरकार स्कूल से एक किमी दूर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए परिवहन सेवा शुरू करेगी. दूर रहने वाले बच्चों को मिलेगा इस योजना का लाभ, रु. 108 करोड़ का प्रावधान
- सरकार स्कूल से एक किमी दूर प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के लिए परिवहन सेवा शुरू करेगी. दूर रहने वाले बच्चों को मिलेगा इस योजना का लाभ, रु. 108 करोड़ का प्रावधान
- सरकार ने कक्षा 10वीं और 12वीं के महिला छात्रों और विकलांग छात्रों के परीक्षा फीस में छूट दी है, इसको लेकर 37 करोड़ का प्रावधान
- सुरेंद्रनगर में आयुर्वेद कॉलेज शुरू करने के लिए रु. 12 करोड़ का प्रावधान
मुख्यमंत्री ने बजट को बताया संतुलित और सर्वग्राही
गुजरात मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने गुरुवार को वित्त मंत्री कनुभाई देसाई द्वारा गुजरात विधानसभा में वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गए बजट को संतुलित, सर्वग्राही, सर्वसमावेशी और समाज के सभी वर्गों के उन्नत विकास की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाने वाला जनोन्मुखी बजट करार दिया है.
मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि यह बजट किसानों, युवा रोजगार, मछुआरों, आदिवासियों, गरीबों, वंचितों सहित समाज के सभी वर्गों के समग्र उत्थान की अनेक योजनाओं वाला बजट है. उन्होंने आगे कहा कि गत वर्ष की तुलना में 17 हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी के साथ 2 लाख 44 हजार करोड़ रुपए का यह बजट गुजरात के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बजट है.
कांग्रेस ने बजट को शोषितों और वंचितों की उपेक्षा करने वाला बताया
हालांकि कांग्रेस विधायक और प्रवक्ता पुंजा वंश ने इस बजट पर प्रतिक्रिया कहा कि यह बजट शोषित और वंचित लोगों कि उपेक्षा करने वाला बजट है. इस बजट में कुछ नया नहीं है सब पिछले साल का पुनरावर्तन हुआ है. कोरोना के पीड़ित लोगों को 4 लाख रुपये कि सहाय देने कि कोई प्रावधान नहीं किया गया.
गुजरात राज्य में कुल आबादी के 52 प्रतिशत ओबीसी कि है हालांकि ठाकोर ओर कोली समाज निगम को वित्त मंत्री भूल गए है और इस नियम को लेकर कोइ प्रावधान नहीं किया है. वहीं कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने ट्वीट कर लिखा कि बजट के नाम पर सिर्फ लॉलीपॉप देने का काम किया गया है. यह बजच राज्य की तरक्की, महंगाई पर काबू पाने का कोई रोड मैप नहीं दिखाता है और ना ही इस बजट में युवाओं को रोजगार देने कि सरकार कि नियत दिखती है.