भारत-जापान शिखर वार्ता के बाद जारी किए गए बयान में किशिदा ने पीएम मोदी से लगाई ये गुहार
नई दिल्ली: जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने यूक्रेन पर रूस के हमले को ‘बहुत गंभीर’ मामला करार देते हुए कहा कि इससे अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था की जड़ें ‘हिल’ गई हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि बल के इस्तेमाल से किसी भी क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने की किसी भी कोशिश को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री किशिदा ने ये टिप्पणी 14वीं भारत-जापान शिखर वार्ता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में की.
जापान ने की जंग रोकने की अपील
भारत-जापान शिखर वार्ता के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में पीएम मोदी और किशिदा ने यूक्रेन में हिंसा को तत्काल रोकने का आह्वान किया और विवाद का समाधान बातचीत के जरिए निकालने पर जोर दिया. दोनों नेताओं ने यूक्रेन के परमाणु संयंत्रों की सुरक्षा के महत्व का जिक्र किया. बयान में कहा गया कि दोनों नेताओं ने संघर्ष पर गंभीर चिंता जताई और खासतौर पर हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर इसके असर का आकलन किया.
यूक्रेन में मानवीय संकट
इसके साथ ही दोनों नेताओं ने यूक्रेन में मानवीय संकट पर भी चर्चा की. पीएम मोदी के साथ 14वें भारत-जापान शिखर सम्मेलन के तहत बातचीत करने के बाद किशिदा ने मीडिया से कहा, ‘मैंने पीएम मोदी से कहा है कि एकतरफा तरीके से बल के जरिए यथास्थिति को बदलने की कोशिश को किसी भी क्षेत्र में अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. हम दोनों सभी विवादों का अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत शांतिपूर्ण तरीके से समाधान करने की जरूरत पर सहमत हुए हैं.’
यूक्रेन पर रूस का हमला है गंभीर मुद्दा
जापान के पीएम किशिदा ने कहा, ‘हमने यूक्रेन की स्थिति पर चर्चा की. यूक्रेन पर रूस का हमला गंभीर मुद्दा है और इसने अंतरराष्ट्रीय प्रणाली की जड़े हिला दी हैं. हमें इस मामले को मजबूत संकल्प के साथ देखने की जरूरत है.’ वहीं, पीएम मोदी ने अपने संबोधन में प्रत्यक्ष रूप से यूक्रेन पर रूस के हमले का जिक्र नहीं किया लेकिन भू-राजनीतिक घटनाओं का संदर्भ दिया जिससे नई चुनौती पैदा हो रही है.
जापान की प्रेस सचिव हिकारिको ओने ने कहा कि बातचीत के दौरान यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर लंबी चर्चा हुई और जापानी प्रधानमंत्री ने रूस की कार्रवाई के खिलाफ ‘गंभीर निंदा’ को दोहराया और इसे ‘घृणित’ करार दिया. हिकारिको ओने ने कहा कि किशिदा हिरोशिमा से हैं जहां पर परमाणु बम गिराया गया था. उन्होंने कहा कि कोई भी परमाणु खतरा बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है.
उन्होंने बताया कि किशिदा ने पीएम मोदी से पुतिन पर दबाव बनाने को कहा, ताकि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को मुक्त और खुला बनाए रखा जा सके. हिकारिको ने कहा कि किशिदा और मोदी चार बिंदुओं पर सहमत हुए जिनमें दुनिया में कहीं भी बल के आधार पर यथास्थिति को बदलने की कोशिश को स्वीकार नहीं करने और विवाद का शांतिपूर्ण समाधान तलाशना शामिल है. दोनों नेता ‘गतिरोध को तोड़ने’ के लिए तत्काल हिंसा को बंद करने का आह्वान करने और यूक्रेन एवं उसके पड़ोसी देशों का समर्थन करने पर सहमत हुए हैं.