श्रीलंका के लोगों को पड़ी एक और मार, सेंट्रल बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में की 7% की बढ़ोतरी

कोलंबो, अभूतपूर्व आर्थिक संकट झेल रहे श्रीलंका के लोगों को एक और मार पड़ी है। वहां के सेंट्रल बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में बड़ी बढ़ोतरी की है। वहीं संकट पर काबू पाने में विश्वास व्यक्त करते हुए सेंट्रल बैंक आफ श्रीलंका के नवनियुक्त गवर्नर नंदलाल वीरसिंघे ने सरकार को सलाह देते हुए कहा कि मौजूदा संकट की स्थिति को दूर करने के तरीकों में से सबसे महत्वपूर्ण सेंट्रल बैंक को स्वतंत्र रूप से कार्य करने की अनुमति देना है। 

नीतिगत ब्याज दर में 7 फीसद की बढ़ोतरी

कोलंबो पेज की रिपोर्ट के अनुसार, शुक्रवार शाम को अपना पदभार ग्रहण करने के बाद अपनी पहली मीडिया ब्रीफिंग में बोलते हुए नए गवर्नर ने विश्वास व्यक्त किया कि वह देश के आर्थिक संकट को हल करने में सक्षम होंगे। नए गवर्नर ने नीतिगत ब्याज दरों में बदलाव की जानकारी देते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने नीतिगत ब्याज दर में 7 फीसद की बढ़ोतरी का फैसला किया है। उन्होंने आगे कहा कि श्रीलंका में यह पहली बार है जब ब्याज दर इतनी ऊंची दर से बढ़ाई गई है।

आईएमएफ के साथ करेंगे आभासी बैठक

वीरसिंघे ने कहा कि उन्होंने बैंकरों से मुलाकात की और उन्हें स्पष्ट संदेश दिया कि वह उनसे निपटने में पारदर्शी रहेंगे। वीरसिंघे ने कहा कि चीजें चुनौतीपूर्ण हैं और हमें निर्णायक कार्रवाई करने की जरूरत है। इस बीच, वीरसिंघे ने कहा कि वह 11 अप्रैल को आईएमएफ के साथ एक आभासी बैठक करेंगे और आईएमएफ को एक आशय पत्र बाद में प्रस्तुत करेंगे। बता दें कि वैश्विक ऋणदाता द्वारा आईएमएफ और श्रीलंकाई अधिकारियों के बीच आयोजित अनुच्छेद IV परामर्श की स्टाफ रिपोर्ट जारी करने के लगभग एक पखवाड़े बाद यह बैठक होने वाली है।

खाने-पीने का खर्च उठाने के लिए सोना बेच रहे हैं श्रीलंकाई

बता दें कि श्रीलंका के हालात इतने बदतर हो गए हैं कि वहां के लोग बुनियादी खर्च उठाने के लिए अपनी सोने की चीजों तक को बेच रहे हैं। गौरतलब है कि श्रीलंका में विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के चलते उभरे संकट में इंधन के साथ खाने पीने की चीजों के दाम भी आसमान छू रहे हैं। महंगाई से हालात इनते खराब है कि लोग सड़कों पर आकर हिंसक विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

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