छत्‍तीसगढ़ में दूसरी बार कोरोना संक्रमण के मामले आए शून्य, जानिए कितने बचे हैं एक्टिव केस

 छत्‍तीसगढ़ में दूसरी बार कोरोना संक्रमण के मामले शून्य आए। इससे पहले 10 अप्रैल को संक्रमण के एक भी मामले नहीं मिले। राज्य कोरोना नियंत्रण अभियान के नोडल अधिकारी डा. सुभाष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश में गुरुवार को दो हजार 78 सैंपल जांचे गए। इसमें एक भी संक्रमण पाजिटिव केस नहीं है। वर्तमान में प्रदेश में 24 सक्रिय मरीजों का इलाज चल रहा है।

अधिकारी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना टीकाकरण लगातार जारी है। अब तक तीन करोड़ 97 लाख से अधिक टीकाकरण हो चुके हैं। इसमें से 2.16 करोड़ से अधिक पहली डोज व 1.77 करोड़ से अधिक को दोनों डोज लगाई जा चुकी है। वहीं साढ़े चार लाख से अधिक को बूस्टर डोज लगाई गई है। 18 से अधिक आयु वर्ग के टीकाकरण की बात करें तो 100 प्रतिशत पहली डोज व 86 फीसद को अब तक दोनों डोज लगाई गई है।

श्री गणेश विनायक आई हास्पिटल में तीन दुर्लभ नेत्र (कार्निया) प्रत्यारोपण सर्जरी एक साथ

रायपुर के श्री गणेश विनायक आई हास्पिटल दो वर्ष में 150 नेत्र (कार्निया) प्रत्यारोपण सर्जरी करने वाला पहला अस्पताल बन गया है। हास्पिटल ने पहली बार तीन दुर्लभ नेत्र (कार्निया) प्रत्यारोपण सर्जरी (केराटोप्लास्टी ) एक साथ एक ही दिन की। श्री गणेश विनायक आई हास्पिटल के निदेशक व नेत्र सर्जन डा. चारुदत्त कलमकर ने कहा कि यह आंकड़ा अपने आप में साबित करने के लिए पर्याप्त है कि सर्जरी और पोस्ट-सर्जिकल देखभाल यहां बेमिसाल है।

उन्होंने कहा कि अस्पताल आंखों की देखभाल और आंखों की सर्जरी के लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। अब तक अस्पताल ने मध्य भारत क्षेत्र में कार्नियल सर्जरी की अधिकतम संख्या को सफलतापूर्वक पूरा करने का सराहनीय रिकार्ड बनाया है, जिनमें से 150 केराटोप्लास्टी पिछले दो वर्ष में की गई है। उन्होंने बताया कि जांजगीर निवासी सोनसाय सिदार, कवर्धा कबीरधाम निवासी सवाना बाई जायसवाल व राजनांदगांव निवासी कविता मरावी की केराटोप्लास्टी सर्जरी एक ही दिन एक साथ की गई। कार्निया प्रत्यारोपण जिसे केराटोप्लास्टी भी कहा जाता है, दृष्टि को वापस ला सकता है, दर्द को कम कर सकता है।

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