आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के पोते का होगा नामकरण समारोह, फूलों से सजाया गया ‘शिवतीर्थ’

Naming ceremony of Raj Thackeray Grand son: आज महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे के पोते (Grand Son) का नामकरण होगा. राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे (Amit Thackeray) को कुछ दिन पहले पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी. नवजात शिशु का नामकरण समारोह राज ठाकरे के दादर स्थित निवास स्थान ‘शिवतीर्थ’ (Shivtirth) में संपन्न होगा. 

पूरे प्रदेश में आयोजन की चर्चा

पारिवारिक सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस खास समारोह में कुछ नजदीकी रिश्तेदार और परिवार के करीबी मित्र ही शामिल होंगे. इस मंगल आयोजन के चलते पूरे घर को फूलों से सजाया गया है. लाऊडस्पीकर विवाद (Loudspeaker Row) और अयोध्या दौरे के कारण सुर्खियों में रहे राज ठाकरे के घर हो रहे इस समारोह की मुंबई के साथ पूरे महाराष्ट्र में चर्चा है.

क्या होता है नामकरण समारोह?

हिंदू धर्म में सभी सोलह संस्कारों में नामकरण संस्कार का विशेष महत्व होता है. बच्चे के जन्म के उपरांत विधि-विधान से नामकरण संस्कार किया जाता है. लेकिन आज के समय में हर बच्चे के माता-पिता बच्चे के जन्म लेने से पहले ही इंटरनेट के माध्यम से अलग-अलग जगहों से बच्चों के एकदम अलग हटकर नामों को सर्च करते हैं. हिंदू धर्म के अनुसार किसी भी जातक के जन्म लेने के समय ही उसके भाग्य का फैसला उस समय आसमान में ग्रह-नक्षत्रों की चाल के आधार पर तय हो जाता है. हिंदू धर्म में बालक या बालिका के नामकरण के संबंध में कुछ नियम बताए गए हैं. धर्म शास्त्रों के आधार पर बच्चे का नामकरण करने से उसका प्रभाव बच्चे के जीवन, व्यवहार, स्वभाव और भाग्य पर पड़ता है.

नामकरण करते समय दिन का महत्व

हिंदू धर्म में बच्चे के नाम का निर्धारण करते समय दिन का विशेष महत्व होता है. शास्त्रों के अनुसार किसी बालक या बालिका के जन्म के 11वें ,12वें और 16वें दिन में नामकरण संस्कार किया जाता है. संतान के नाम में हमेशा अर्थ का होना जरूरी होता है. नाम का प्रभाव बच्चे के व्यक्तित्व पर निरंतर पड़ता रहता है. इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि संतान का अर्थपूर्ण नाम ही हो.

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