वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने की Kisan Credit Card की तरह MSME को व्यापार क्रेडिट कार्ड देने की सिफारिश
वित्त मंत्रालय से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) की तरह एमएसएमई (MSME) को व्यापार क्रेडिट कार्ड देने की सिफारिश की है ताकि एमएसएमई की नकदी की समस्या दूर हो सके। व्यापार क्रेडिट कार्ड राष्ट्रीय स्तर पर लांच किया जा सकता है और सिडबी व्यापार कार्ड की नोडल एजेंसी होगी। समिति ने इस संबंध में वित्त मंत्रालय व विभिन्न बैंकों से भी बातचीत भी की है। सूत्रों के मुताबिक समिति की इस सिफारिश पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है। व्यापार कार्ड से एक सीमित मात्रा में बिना किसी गिरवी के लोन देने की भी सिफारिश की गई है।
एमएसएमई के नकदी प्रवाह में बढ़ोतरी को लेकर तैयार की गई स्थायी समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि फिलहाल एमएसएमई का आकार कृषि से बड़ा हो चला है और एमएसएमई को कम ब्याज दर पर शार्ट टर्म लोन दिए जाने की जरूरत है ताकि वे अपने कार्यशील पूंजी (वर्किंग कैपिटल) की जरूरत को पूरा कर सके। किसान क्रेडिट कार्ड से किसान फसल के लिए शार्ट टर्म व टर्म लोन लेते हैं। वैसे ही, एमएसएमई भी व्यापार क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करेंगे। समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम पोर्टल पर पंजीकृत उद्यमियों को ही व्यापार क्रेडिट कार्ड दिए जाए। अभी करोड़ों ऐसे एमएसएमई हैं जिन्होंने उद्यम पोर्टल पर अपना पंजीयन नहीं कराया है। व्यापार क्रेडिट कार्ड लांच करने से पंजीयन नहीं कराने वाले उद्यमी भी उद्यम पोर्टल से जुड़ जाएंगे। व्यापार क्रेडिट कार्ड के जारी होने से अति लघु जैसे कि सड़क किनारे कारोबार करने वाले वेंडर, किराना दुकानदार, गांव व शहर के सैलून दुकानदारों को भी इससे मदद मिल जाएगी।
समिति के मुताबिक कुछ बैंक अपने-अपने स्तर पर योग्य उद्यमियों को एमएसएमई क्रेडिट कार्ड, लघु उद्यमी क्रेडिट कार्ड जारी करते हैं। लेकिन इससे सीमित उद्यमी लाभान्वित हो रहे हैं और कार्ड लेने वाले उद्यमियों को समान लाभ भी नहीं मिल रहे हैं। समिति की सिफारिश के मुताबिक भारत सरकार को देश के प्रमुख बैंकों से परामर्श करके राष्ट्रीय स्तर पर व्यापार क्रेडिट कार्ड लांच करना चाहिए ताकि कार्ड में एकरूपता हो और सबको समान लाभ मिल सके। समिति ने वित्त मंत्रालय से कहा है कि स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर व्यापार क्रेडिट कार्ड की सेवा शर्तों को विकसित किया जाना चाहिए और ट्रायल के लिए कार्ड जारी करके यह देखा जाना चाहिए कि किस प्रकार का कार्ड सबसे अधिक उपयुक्त होगा। देश में छह करोड़ से अधिक एमएसएमई है, लेकिन उद्यम पोर्टल पर पंजीयन कराने वाले उद्यमियों की संख्या एक करोड़ से भी कम है। 1.5 करोड़ से भी कम एमएसएमई मुख्य बैंक व एनबीएफसी से लोन ले पाते हैं।