राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में तस्करों ने नाकाबंदी कर रहे पुलिसकर्मियों को रौंदने का किया प्रयास…
राजस्थान में तस्करों के हौसले बुलंद होते जा रहे हैं। तस्कर अब पुलिस पर हमला करने से नहीं चूक रहे। उनकी निगाह मेवाड़ में उत्पादित की जा रही अफीम पर है। उसकी तस्करी को रोकने के लिए पुलिस और नारकोटिक्स की कोशिश नाकाम होती नजर आती है। यहां तक तस्कर पुलिसकर्मियों पर हमला करने से नहीं चूकते। गुरुवार की रात को भी इसी तरह घटना घटी, जिसमें तस्करों ने नाकाबंदी कर रहे पुलिसकर्मियों को रौंदने का प्रयास किया। जिसमें तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए, जिनका उपचार चित्तौड़गढ़ के जिला अस्पताल में जारी है। पुलिस मामले की जांच कर रही है। मामला चित्तौड़गढ़ जिले के भादसौड़ा थाना क्षेत्र का है। गुरुवार की रात पुलिस लेसवा-मोखमपुरा मार्ग पर नाकाबंदी कर रहे थे। इसी दौरान संदिग्ध कारों को पुलिस ने रूकने का इशारा किया, लेकिन उन्होंने ना केवल कारों की गति बढ़ा दी, बल्कि तीन पुलिसकर्मियों को चपेट में लेकर भाग निकले। घायल पुलिसकर्मियों ने सिपाही रतन, सुरेश और नगजीराम शामिल है। जिन्हें तत्काल पुलिस की जीप से जिला अस्पताल के लिए भेजा गया।
पुलिस कर रही तस्करों की तलाश
भादसोड़ा थानाधिकारी रविन्द्र सेन ने बाया कि तस्कर तीन इसुजी कारों से निकले थे। नाकाबंदी तोड़ने के साथ उन्होंने पुलिसकर्मियों को चपेट में ले लिया। जिसकी सूचना पर जिले भर में नाकाबंदी कड़ी कर दी गई। घटना की सूचना पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ज्ञानप्रकाश नवल, चित्तौड़गढ़ पुलिस उप अधीक्षक बुद्धराज टांक, भदेसर शिप्रा राजावत, डीएसटी प्रभारी विक्रमसिंह, सदर थानाधिकारी हरेंद्रसिंह सौदा, भादसोड़ा थानाधिकारी रविंद्र सेन आदि हास्पिटल पहुंचे। हादसे में पुलिसकर्मी रतन की हालत गंभीर बताई जा रही है। बताया गया कि तस्करों का अभी तक पता नहीं चल पाया, पुलिस तस्करों की तलाश कर रही है। आसपास के जिलों में भी नाकाबंदी कर उनकी तलाश करवाई जा रही है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। प्रदेश में इस तरह के मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं।