ATF के दामों में 16 फीसद से ज्यादा की बढ़ोतरी, हवाई यात्राएं हो सकती हैं महंगी
नई दिल्ली, वैश्विक स्तर पर ईंधन की कीमतों में लगातार तेजी देखी जा रही है। क्रूड ऑयल की कीमतों में भी पिछले कुछ दिनों से तेजी देखी जा रही है। वहीं, एटीएफ की कीमतों में एक बार फिर तेजी देखी जा रही है। बता दें कि 3 जून को एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमत में 1.3 प्रतिशत की कमी देखी गई थी, जो एटीएफ की कीमतों में पिछले 10 राउंड की बढ़ोतरी के बाद पहली कमी थी।
आपको बता दें कि हवाई जहाज की उड़ान भरने में एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) का इस्तेमाल किया जाता है, जिसकी कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है। राष्ट्रीय राजधानी में एटीएफ की कीमत 16.3 फीसद बढ़ोतरी के साथ 1.41 लाख रुपये प्रति किलोलीटर (123.03 रुपये प्रति लीटर) पर पहुंच गई है।
ईंधन की कीमतों में कटौती का एकमात्र तरीका
जेट फ्यूल एक एयरलाइन के ऑपरेशन में आने वाली लागत का लगभग 40% होता है, जो इस साल काफी महंगा हो गया है। 2022 की शुरुआत के बाद कई बार एटीएफ की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, 3 जून को एटीएफ की कीमत में 1.3 प्रतिशत की कमी की गई थी। ऊर्जा की कीमतों में वैश्विक उछाल के अनुरूप जेट ईंधन की कीमतें रिकॉर्ड उच्च स्तर पर हैं, जबकि भारत अपनी तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए आयात पर निर्भर है। इसलिए, जेट ईंधन की कीमतों में कटौती का एकमात्र तरीका टैक्स को कम करना ही हो सकता है। एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) की कीमतें बढ़ने से आने वाले दिनों से हवाई यात्राएं 10 फीसद तक महंगी हो सकती हैं।
भारत में घरेलू उड़ानों को बढ़ावा
बता दें कि भारत में डोमेस्टिक हवाई यात्राओं और और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए पिछले दिनों झारखंड सरकार ने घोषणा की थी कि उसने एविएशन टर्बाइन फ्यूल (एटीएफ) पर वैट (value added tax) को 20 प्रतिशत से घटाकर 4 फीसद कर दिया है। राज्य सरकार के एक बयान में कहा गया कि राज्य में हवाई संपर्क बढ़ाने और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई यात्राओं के किराये को कम करने के लिए टैक्स घटाने का निर्णय लिया है।
बयान में कहा गया कि राज्य सरकार स्टेट में हवाई संपर्क में सुधार के लिए झारखंड मूल्य वर्धित कर अधिनियम, 2005 की अनुसूची- II भाग-ई के क्रम संख्या एक में संशोधन करेगी। इसके तहत विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) पर टैक्स की दर 20 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत किया जाएगा।