बीमारियों को दूर करने के लिए रोज सुबह इन मन्त्रों का करें जाप
दुनिया कर हर व्यक्ति बीमरियों से बचना चाहता है और इसके लिए वह लाखों जतन करता है। हालाँकि यह संभव नहीं हो पाता। हालाँकि आपको बता दें इस बारे में हिंदू धर्म के वेद-पुराणों में वर्णन किया गया है। जी हां, हमारे शास्त्रों में महामारी, बीमरी से बचने के लिए न केवल उपाय बल्कि कई मददगार मंत्र भी दिए गए हैं। आज हम आपको उन्ही मन्त्रों के बारे में बताने जा रहे हैं। कहा जाता है इन उपायों को करने से बीमरी और महामारी के चपेट में व्यक्ति नहीं आते हैं।
श्री मार्कण्डेय पुराण में श्री दुर्गासप्तशती में किसी भी बीमारी या महामारी का उपाय देवी के स्तुति या मंत्र द्वारा बताया गया है।
रोग नाशक मंत्र-
रोगानशेषानपहंसि तुष्टा रुष्टा तु कामान् सकलानभीष्टान्।
त्वामाश्रितानां न विपन्नराणां त्वामाश्रिता ह्याश्रयतां प्रयान्ति॥
महामारी के नाश के लिए मंत्र-
ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।
दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते।।।
भगवान शिव के बेहद कल्याणकारी और मृत्यु को टालने तक में सक्षम महामृत्युंजय मंत्र-
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्॥
कहा जाता है इन मन्त्रों के जाप से हर रोग आपसे दूर भागेगा। जी हाँ और नियमित तौर पर इन मंत्रों का जाप करना बहुत ही लाभदायी होता है और अगर आपको फिर भी बीमारी का डर सता रहा हो तो आप अपने घर के सामने कुछ उपाय जरूर करें।
उपाय के लिए चाहिए सरसों का तेल, नौ मिट्टी के दीपक, देशी कपूर, 9 लौंग, राई दाने, एक चुटकी आजवाईन और लाल धागा यानि कलावा। सबसे पहले सभी 9 दीपकों में सरसों का तेल भरकर लाल धागे की बत्ती भी लगा दें, इसके बाद सभी दीपकों में थोड़ा-थोड़ा देशी कपूर डालें। सभी दीपकों में एक-एक लौंग भी डाल दें। चार-चार राई के दानें भी सभी दीपकों में छोड़ दें। अब इस मंत्र- ‘ॐ हुं हुं हुं हनुमते नमः’ का उच्चारण करते हुए एक-एक करके सभी नौ दीपकों को जलाएं। इसके बाद इन दीपकों में से सबसे पहले दो दीपक अपने घर के मुख्य दरवाजे पर रख दें। एक दीपक तुलसी में, एक रसोईघर में, एक घर के बीचों-बीच एवं बचे हुए 4 दीपकों को अपने घर की छत के चारों कोनों पर रख दें। ऐसा करने से, प्राण घातक कोरोना नामक महामारी से एवं शत्रुओं से रक्षा होगी। यह सब करने के बाद एक लोटे में थोड़ा सा गंगाजल डालकर उसमें शुद्धजल मिलाकर महामृत्युंजय मंत्र का उच्चारण करते हुए सबसे पहले घर के आंगन में एवं फिर पूरे घर में उक्त जल का छिड़काव करें। जी दरअसल ऐसा करने से बीमारी फैलाने वाले सुक्ष्म से सुक्ष्म कीटाणु भी घर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे।