युवा उद्यमी के इस फील्‍ड में अब महिलाएं भी हाथ आजमा रही हैं|

35 साल से कम उम्र वालों की इस समय देश में करीब 65 फीसदी आबादी है, जो अपने नये-नये इनोवेटिव आइडिया के साथ अब उद्यमिता में भी तेजी से आगे आ रहे हैं। खासतौर से भारत की अभी जो एमएसएमई व्‍यवस्‍था है, वह इन उभरते उद्यमियों को आगे बढ़ने में काफी मदद कर रही है। ये युवा उद्यमी सभी प्रतिकूल परिस्थितियों से लड़ते हुए अपने सपने को साकार करने के लिए तैयार हैं और भविष्य के सफल कारोबारी बनना चाहते हैं। लेकिन सबसे अच्‍छी बात यह है कि उद्यमिता के इस फील्‍ड में अब महिलाएं भी हाथ आजमा रही हैं, जो पहले सिर्फ पुरुषों का ही फील्‍ड माना जाता था।

ऐसा ही एक उदाहरण दयाल नगर (वर्धा, महाराष्ट्र) में जन्मी वैशाली पाटिल का हमारे सामने है, जो बहुत सीमित साधन वाले सामान्‍य परिवार से थीं। माध्यमिक शिक्षा पूरी करने के बाद ही उन्हें अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी, क्योंकि उनके माता-पिता उनकी उच्च शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते थे। इतना ही नहीं, आम परंपरा की तरह वैशाली की शादी भी कम उम्र में ही करा दी गई। लेकिन वैशाली के लिए पहले से कुछ अलग ही योजनाएं बनी हुई थी और इस मौके का लाभ उठाकर वह अपना उज्‍ज्‍वल भविष्य बना पाईं। दयालु और मददगार व्यक्ति होने के बावजूद वैशाली के पति शादी के शुरुआती वर्षों में ही इतना बीमार रहने लगे कि उन्हें अपनी नौकरी छोड़नी पड़ी। परिवार में अचानक इस कम उम्र युवती के कंधे पर ही घर का खर्च चलाने का बोझ आ गया। वैशाली ने इस जिम्‍मेदारी को भी बाखूबी निभाया। उन्‍होंने शुरू में अपने ही शहर में एक वाशिंग कंपनी में टीम लीडर के पद पर कुछ महीनों तक काम किया। नौकरी करते हुए उन्होंने जाना कि खुदरा विक्रेताओं से कैसे कारोबार किया जाए, बाजार के ट्रेंड के मुताबिक कैसे चला जाए और ग्राहकों को कैसे खुश रखा जाए। इसके बाद वैशाली ने पापड़ और अचार बनाने और घर-घर जाकर बेचने का काम शुरू किया। कुछ दिनों बाद

 उचित मार्गदर्शन की जरूरत :

 अपने देश में ऐसी ही हजारों महिलाओं और पुरुषों की कहानी है, जो हमें यह सीख देती है कि कैसे उचित काउंसिलिंग, प्रशिक्षण और संरक्षण के जरिए एक सफल उद्यमी बना जा सकता है। कैसे एक अनुभवी मेंटर के मार्गदर्शन से बिजनेस की रोज की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने में मदद करता है। कई रिपोर्ट के निष्कर्ष यह बताते हैं कि सफल उद्यमी बनने के लिए व्‍यक्ति में निम्‍न विशेषताएं और योग्यताएं जरूर होनी चाहिए:

1. बाजार की जानकारी:

 इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि बाजार की सटीक जानकारी सभी कारोबारों की बुनियाद होती है। चुनौतियों से निपटने और कारोबार को आगे बढ़ाने या नई-नई पहल करने के लिए बाजार शोध की अहम भूमिका होती है। इसके अंतर्गत बाजार, उत्पादों और सेवाओं के बारे में जानकारी जुटाना, उसका विश्लेषण और व्याख्या करने के अलावा यह भी जानकारी ली जाती है कि संभावित ग्राहक कौन हैं, उसका अतीत और वर्तमान क्‍या रहा है।

2. मजबूत सप्लाई चेन प्रबंधन:

 किसी भी कारोबार का खास नियम है कि अपने आपूर्तिकर्ताओं से सलाह लिए बिना ग्राहकों से कोई वादा न करें। क्‍योंकि मजबूत और सही सप्लाई चेन प्रबंधन के जरिए ही उपभोक्‍ताओं को उत्‍पाद या सेवाएं समय से पहुंचाई जा सकती हैं। यह चीज आउटपुट की क्वालिटी और लागत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

3. कुशल कर्मचारी प्रबंधन:

 अगर आप अपने लक्ष्‍य तक जल्‍दी पहुंचना चाहते हैं, तो अपनी टीम को भरोसे में लेकर चलना आना चाहिए, उन्‍हें एकजुट रखने की कला आपमें होनी चाहिए। इसलिए एक अच्छा लीडर बनने के लिए कुशल कर्मचारी प्रबंधन भी जरूरी है।

4. अकाउंटिंग और वित्त की समझ:

 उद्यमियों के लिए अन्‍य चीजों की तरह ही वित्तीय रिपोर्ट भी बहुत मायने रखती है, क्योंकि ये रिपोर्ट बताती है कि आपका कारोबार कैसा प्रदर्शन कर रहा है। इस तरह के वास्तविक आंकड़े आपको अपनी कंपनी के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करेंगे और आगे बढ़ने में भी मददगार साबित होंगे।

5. डिजिटल मार्केटिंग:

 नई टेक्नोलाजी आज हमारी रोजमर्रा की जिंदगी ही नहीं, कारोबार को भी हिस्‍सा हो गई है। कारोबार बढ़ाने के लिए यह जरूरी माना जाने लगा है। ऐसे में नये उद्यमियों को भी इसके इस्‍तेमाल में पीछे नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इससे ब्रांड जागरूकता बनाने में मदद मिलती है। इसी की बदौलत आप सही ग्राहक तक भी आसानी से पहुंच सकते हैं।

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