रिपोर्ट के आधार पर लगभग 50 अभियंताओं के तबादले रद करने की तैयारी

तबादले रद करने की तैयारी

लोक निर्माण मुख्यालय ने अभियंताओं के तबादलों में गड़बड़‍ियों के बारे में अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। शासन ने यह रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजी है। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट के आधार पर लगभग 50 अभियंताओं के तबादले (Transfer) रद करने की तैयारी है।

PWD में स्वीकृत संख्या से अधिक किये गए थे 59 तबादले

  • लोक निर्माण विभाग में अभियंताओं के तबादलों में हुईं गड़बड़‍ियांउजागर होने पर मुख्यमंत्री के निर्देश पर गठित जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर विभाग के दो प्रमुख अभियंताओं समेत पांच कार्मिक निलंबित किये गए थे।
  • एक सेवानिवृत्त अधीक्षण अभियंता के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की शासन ने अनुमति दी है। जांच समिति ने पाया था कि 59 तबादले कृत संख्या से अधिक किये गए थे। इन्हें रद करने की सिफारिश की गई थी।
  • इस पर शासन ने लोक निर्माण मुख्यालय से अनावश्यक किये गए तबादलों और मुख्यालय में स्वीकृत संख्या से अधिक संबद्ध अभियंताओं के बारे में रिपोर्ट मांगी थी।
  • मुख्यालय की ओर से भेजी गई रिपोर्ट को शासन ने मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा है। रिपोर्ट में अवर अभियंता से लेकर अधीक्षण अभियंता सतर के लगभग 50 तबादलों को अनावश्यक बताते हुए उन्हें रद करने के लिए कहा गया है।

उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के बाद अब लोक निर्माण विभाग में अभियंताओं के तबादलों में गड़बड़ियां सामने आई थी। लोक निर्माण विभाग के जिस अवर अभियंता का तीन वर्ष पूर्व निधन हो चुका है, उसका तबादला कर दिया गया था। विभाग में ऐसे भी अवर अभियंता हैं जिनका दो जिलों में तबादला कर दिया गया था।

लोक निर्माण विभाग के अवर अभियंता घनश्याम दास का तीन साल पहले निधन हो चुका है, लेकिन उनका तबादला झांसी कर दिया गया था। इटावा में राजकुमार नाम का कोई अवर अभियंता नहीं है। इसके बावजूद राजकुमार का तबादला इटावा से ललितपुर कर दिया गया था।

धर्मपाल का तबादला मैनपुरी और इटावा-दो स्थानों पर कर दिया गया था। फालिग सिंह को दो जगह-बदायूं और लखनऊ में पोस्टिंग दे दी गई थी। अधिशासी अभियंता आशीष श्रीवास्तव 15 साल से लखनऊ में ही जमे हैं। वह लखनऊ में ही पदोन्नतियों की सीढ़यां चढ़े लेकिन उन्हें छुआ नहीं गया। ऐसे और भी अभियंता हैं जो अरसे से लखनऊ में तैनात हैं लेकिन जिनके तबादले नहीं किये गए।लोक निर्माण विभाग में तबादलों की जांच में पाया गया था कि अभियंताओं के 60 तबादले तय सीमा से अधिक हुए हैं। तबादलों में गड़बडिय़ों को लेकर निलंबन की कार्रवाई के बाद शासन ने लोक निर्माण मुख्यालय को निर्देश दिया था कि स्थानांतरण सत्र 2022-23 में अधिशासी अभियंता, अधीक्षण अभियंता और मुख्य अभियंता (सिविल) संवर्ग में हुए तबादलों पर पुनर्विचार करते हुए स्थानांतरण से संबंधित ऐसे सभी मामले जो या तो आवश्यक नहीं थे और जिनमें स्थानांतरण नीति का अनुपालन नहीं हुआ है, उनके बारे में प्रस्ताव उपलब्ध कराएं।

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