शिवराज सरकार अनाथ बच्चों को दो हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता उपलब्ध कराएगी
सहायता उपलब्ध कराएगी
इसके लिए पात्र वही बच्चे होंगे, जिनके माता-पिता का निधन हो गया है और जो अपने रिश्तेदार या संरक्षकों के साथ जीवनयापन कर रहे हैं। इसी तरह किशोर न्यायालय अधिनियम के अंतर्गत संचालित बाल देख-रेख संस्थाओं (बालगृह) को छोड़ने वाले 18 वर्ष से अधिक आयु के युवाओं को भी आर्थिक सहायता दी जाएगी। इन्हें व्यावसायिक प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। इसके लिए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना लागू की जाएगी। महिला एवं बाल विकास विभाग ने योजना का प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिस पर अंतिम निर्णय बुधवार को प्रस्तावित कैबिनेट में लिया जाएगा।
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश के स्थानीय निवासी परिवार के 18 वर्ष से कम आयु के अनाथ बच्चों को आर्थिक सहायता प्रतिमाह दी जाएगी। यह राशि बच्चे एवं उसके रिश्तेदार या संरक्षक के संयुक्त खाते में जमा होगी। योजना में शामिल होने वाले सभी बच्चों का आयुष्मान कार्ड बनवाया जाएगा। जिला कार्यक्रम अधिकारी या जिला बाल संरक्षण अधिकारी, ऐसे परिवारों की पहचान करेंगे। बाल कल्याण समिति द्वारा इन्हें जरूरतमंद बालक घोषित किया जाएगा। बाल आशीर्वाद पोर्टल पर इनसे आवेदन कराया जाएगा। इसी तरह बालगृह के अधीक्षक या प्रबंधक अपने यहां 17 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले बच्चों को चिन्हित करके कार्ययोजना तैयार करेंगे। इन्हें योग्यता के आधार पर औद्योगिक संस्थान, प्रतिष्ठान या संस्थाओं में प्रशिक्षण दिलाकर उसी संस्था में रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा।प्रशिक्षण अवधि में पांच हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। यह अधिकतम एक वर्ष के लिए मिलेगी। पालीटेक्निक डिप्लोमा, आइटीआइ, पैरामेडिकल पाठ्यक्रम, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंंट, पर्यटन, प्रधानमंत्री अथवा मुख्यमंत्री कौशल विकास कार्यक्रम के निश्शुल्क प्रशिक्षण मिलेगा। प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर किसी शासकीय या अशासकीय संस्थाओं में प्रवेश पर अध्ययन अवधि के दौरान पांच से लेकर आठ हजार रुपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी जाएगी। फीस भी शासन द्वारा ही जमा की जाएगी