नागरिकता विधेयक पारित नहीं होने पर पूर्वोत्तर में जश्न का आलम, लोग सड़कों पर झूमे
राज्यसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित नहीं होने के बाद असम सहित पूर्वोत्तर के राज्यों में जश्न का माहौल है. विधेयक का विरोध करने वालों ने पटाखे फोड़कर और मिठाइयां बांटकर इसका जश्न मनाया. उत्साह में लोग सड़कों पर झूमने-गाने लगे. गांव-कस्बे, शहरों में पटाखे चलाए गए. आज बिल को राज्य सभा में पेश नहीं करने से और अनिश्चितकाल के लिए राज्यसभा स्थगित करने से असम और पूर्वोत्तर के सभी राज्यों के छात्र संगठन और अन्य संगठनों के कार्यकर्ताओं ने आतिशबाज़ी कर खुशिया मनाईं.
अखिल असम छत्र संघठन (आसू), नार्थईस्ट स्टूडेंट्स ऑर्गेनाईजेशन, कृषक मुक्ति संग्राम समिति, असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद् और फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप एक्ट अमेंडमेंट बिल के कार्यकर्ताओं ने बिल के विरोध में आंदोलन जारी रखने और आज बिल के राज्यसभा में पेश नहीं होने के कारण एकदूसरे को धन्यवाद दिया.
आपको बता दें कि असम और समूचे उत्तर पूर्वी राज्यों में नागरिकता संशोधन विधेयक 2016 के खिलाफ छात्र संगठनों के अलावा भी 70 अन्य सामाजिक और गैर राजनितिक दल लोकसभा में बिल के पास होने के बाद इसके विरोध में आंदोलन चलाए हुए थे. मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनार्ड संगमा ने विरोध किया. मणिपुर में भी बीजेपी एनडीए सरकार के मुख्यमंत्री ने भी बिल के विरोध में मुखर रूप से आवाज बुलंद किया था.
मेघालय के मुख्यमंत्री कोरनार्ड संगमा का छात्र संगठनों ने अभिनन्दन किया. असम की राजधानी गुवाहाटी में फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप अमेंडमेंट बिल के तत्वाधान में असम के प्रख्यात बुद्धिजीवी, शिक्षक, साहित्यि अकादेमी पुरस्कार विजयी डॉ. हिरेन गोहाय, साहित्यिक और फोरम अगेंस्ट सिटीजनशिप एक्ट अमेंडमेंट बिल मंच के अध्यक्ष ने आज बिल के राज्यसभा में पेश नहीं कर पाने को नार्थईस्ट के जनता की जीत करार दिया.
डॉ.हिरेन गोहाय ने नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध कर रहें आसू और तमाम संगठनों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि असम की सोनोवाल सरकार को छोड़ लगभग सभी नार्थईस्ट के राज्यों की सरकारों ने बिल का विरोध किया है.