गेहूं की मांग को पूरा करना फिलहाल केंद्र सरकार के लिए संभव नहीं
गेहूं का स्टॉक एक अगस्त 2022 को घटकर 266.5 लाख टन हो गया है जो पिछले डेढ़ दशक में सबसे कम माना जा रहा है। एक अक्तूबर 2022 को गेहूं का स्टॉक 229 लाख टन रहेगा। जबकि उस समय गेहूं का बफर स्टॉक 205 लाख टन होना चाहिए।
: राज्यों की अतिरिक्त गेहूं की मांग को पूरा करना फिलहाल केंद्र सरकार के लिए संभव नहीं होगा। केंद्रीय भंडार में फिलहाल गेहूं का स्टॉक पिछले कई सालों के निचले स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि गेहूं का यह स्टॉक निर्धारित बफर और राशन प्रणाली की जरूरतों के हिसाब से पर्याप्त है। खाद्य मंत्रालय ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि राज्यों को बदले हुए फार्मूले पर खाद्यान्न की आपूर्ति होती रहेगी। लिहाजा गेहूं मांगने वाले राज्यों को चावल से काम चलाना होगा। गेहूं का स्टॉक एक अगस्त 2022 को घटकर 266.5 लाख टन हो गया है, जो पिछले डेढ़ दशक में सबसे कम माना जा रहा है।एक अक्तूबर 2022 को गेहूं का स्टॉक 229 लाख टन रहेगा। जबकि उस समय गेहूं का बफर स्टॉक 205 लाख टन होना चाहिए। चालू सीजन में गेहूं का स्टॉक घटने की बड़ी वजह रबी मार्केटिंग सीजन में सरकारी खरीद में कमी का होना है। बीते रबी सीजन में गेहूं की कुल खरीद 444 लाख टन के मुकाबले केवल 188 लाख टन हुई थी। गेहूं की सरकारी खरीद में हुई गिरावट के पीछे खुले बाजार में गेहूं की कीमतों में बढ़ोतरी थी।
दूसरा कारण गेहूं की पैदावार में तीन से पांच फीसद तक की गिरावट को भी माना जा रहा है। एक अगस्त 2022 को एफसीआई के पास चावल का स्टॉक 279 लाख टन है। इस हिसाब से कुल 546 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है जो निर्धारित बफर स्टॉक 376 लाख टन से ज्यादा है। लिहाजा खाद्य सुरक्षा के लिहाज से इसे ठीक कहा जा सकता है। गेहूं की कम खरीद और स्टॉक को देखते हुए केंद्रीय खाद्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत चलाई जा रही सार्वजनिक राशन प्रणाली (पीडीएस) में गेहूं व चावल के पूर्व निर्धारित अनुपात 60 और 40 को परस्पर बदल दिया है। इसे लेकर कुछ राज्यों को दिक्कत होने लगी है।
उन्होंने पिछले महीने के पहले सप्ताह में आयोजित खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन में केंद्र सरकार से पुराने फार्मूले पर गेहू व चावल की आपूर्ति बहाल करने की मांग की थी। खाद्य मंत्रालय के एक उच्च पदस्थ अफसर ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल यह संभव नहीं है। हालांकि सरकार के पास खाद्यान्न का भारी स्टॉक है। इसमें चावल की मात्रा अधिक और गेहूं की मात्रा कम है।
गेहूं की मात्रा बढ़ाने की मांग करने वाले राज्यों में उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और गुजरात प्रमुख थे। सरकार की ओर से पीडीएस के अलावा 80 करोड़ से अधिक उपभोक्ताओं को पांच किलो प्रति व्यक्ति की दर से अतिरिक्त अनाज की आपूर्ति प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) में की जा रही है। यह योजना फिलहाल सितंबर 2022 तक के लिए मान्य है, जिसे फिलहाल और बढ़ाए जाने की संभावना नहीं है।