यूपी के 43 जिलों में दो-दो फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी 

यूपी के 43 जिलों में दो-दो फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी है। लखनऊ में प्रदेश का पहला फास्ट चार्जिंग स्टेशन खुल चुका है, जहां 50 मिनट में इलेक्ट्रिक कार या एसयूवी चार्ज हो जाएगी। 

लखनऊ, कानपुर, अयोध्या, गोरखपुर समेत सूबे के 43 जिलों में दो-दो फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी है। लखनऊ में प्रदेश का पहला फास्ट चार्जिंग स्टेशन खुल चुका है, जहां 50 मिनट में इलेक्ट्रिक कार या एसयूवी चार्ज हो जाएगी। आने वाले समय में हर जिले के चार कोनों में फास्ट चार्जिंग स्टेशन खोले जाएंगे। इंडियन ऑयल ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

लखनऊ में फास्ट ईवी चार्जिंग स्टेशन टाटा के सहयोग से पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लगाया गया है। इंडियन ऑयल अधिकारियों के अनुसार वाहनों का दबाव ध्यान में रखते हुए यूपी के अन्य जिलों में चार्जिंग स्टेशन खोलने की तैयारी है। उत्तर प्रदेश में फिलहाल 120 चार्जिंग स्टेशन हैं, लेकिन इनकी क्षमता सिर्फ आठ किलोवाट है। ऐसे में इन स्टेशनों पर एक कार या एसयूवी चार्ज होने में सात से आठ घंटे लग जाता है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत आशियाना में खुले फास्ट चार्जिंग स्टेशन की क्षमता 25 किलोवाट है। फास्ट चार्जिंग स्टेशन पर वाहन चार्ज के लिए मोबाइल ऐप डाउनलोड करनी होगी। इसके जरिए पता चल सकेगा कि कब का टाइम स्लॉट खाली है। तब स्टेशन पहुंच कर वाहन चार्ज कराए जा सकते हैं।

कंपनी संचालित पम्पों से शुरुआत, अन्य कंपनियां भी बनाएंगी
इंडियन ऑयल अपने फास्ट चार्जिंग स्टेशनों की शुरुआत कोको यानी कंपनी संचालित पम्पों से करेगा। इन पम्पों पर उनके लिए अलग से स्थान बनाए जाएंगे। अभी एक समय एक ही वाहन चार्ज हो सकता है। मांग को देखते हुए इसकी संख्या दो की जा सकती है।

फिलहाल 120 धीमी चार्जिंग के स्टेशन
मौजूदा समय आईओसी के यूपी-1 मुख्यालय के अन्तर्गत गोरखपुर मंडल में 23, वाराणसी मंडल में आठ, प्रयागराज में 31, लखनऊ में 31, कानपुर में 27 यानी कुल 120 धीमी चार्जिंग के स्टेशन बनाए गए हैं। समय ज्यादा लग रहा है इसलिए फिलहाल सफल नहीं हैं।

यूपी में पौने तीन लाख के करीब ईवी
सूबे में इलेक्ट्रिक वाहनों की संख्या पौने तीन लाख के करीब है। इनमें सबसे अधिक बिक्री दो पहिया की हो रही है। सिर्फ लखनऊ में ही आठ हजार दो पहिया और चार पहिया ई वाहन हैं। इनमें पांच हजार बाइक और स्कूटर हैं। वहीं, तीन हजार कार या एसयूवी हैं। इनके अलावा 35 हजार ई रिक्शा भी हैं। साथ ही 140 इलेक्ट्रिक बसें हैं।

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