मेधज ग्रुप ने सम्पूर्ण शिव महापुराण अपने एस्ट्रो चैनल पर किया रिलीज़

संस्थापक, मेधज ग्रुप डॉ समीर त्रिपाठी जी आज शनि अमावस्या के शुभ अवसर(जिसमे चन्द्र एवं सूर्य ,सिंह राशी में विराजित हो जाते है)पर सम्पूर्ण शिव् महापुराण को मेधज एस्ट्रो चैनल पर रिलीज़ किया गया , सम्पूर्ण शिव् महापुराण का रिलीज़ डॉ समीर त्रिपाठी जी के पूजनीय माता श्रीमती रेखा त्रिपाठी के शुभ हाथों द्वारा किया गया | डॉ समीर त्रिपाठी जी ने बताया की शिव महापुराण 466 अध्याय ,7 खंड एवं 13 संहिताओं में पारिभाषित है | शिव महापुराण बहुत ही शुभ कारी महापुराण है जो की आम जन मानस के लिए सदैव लाभकारी होता है | पिछले 25 जुलाई 2021 से आरम्भ किया होकर आज सम्पूर्ण हुआ है जिसको आम जनमानस के भाषा में परिभाषित एवं बताया गया है |


शिव पुराण का सम्बन्ध शैव मत से है। इस पुराण में प्रमुख रूप से शिव-भक्ति और शिव-महिमा का प्रचार-प्रसार किया गया है। प्रायः सभी पुराणों में शिव को त्याग, तपस्या, वात्सल्य तथा करुणा की मूर्ति बताया गया है। कहा गया है कि शिव सहज ही प्रसन्न हो जाने वाले एवं मनोवांछित फल देने वाले हैं।


शिव पुराण सभी पुराणों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण व सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुराणों में से एक है। भगवान शिव के विविध रूपों, अवतारों, ज्योतिर्लिंगों, भक्तों और भक्ति का विशद् वर्णन किया गया है।इसमें शिव के कल्याणकारी स्वरूप का तात्त्विक विवेचन, रहस्य, महिमा और उपासना का विस्तृत वर्णन है।शिव पुराण में शिव को पंचदेवों में प्रधान अनादि सिद्ध परमेश्वर के रूप में स्वीकार किया गया है। शिव-महिमा, लीला-कथाओं के अतिरिक्त इसमें पूजा-पद्धति, अनेक ज्ञानप्रद आख्यान और शिक्षाप्रद कथाओं का सुन्दर संयोजन है। इसमें भगवान शिव के भव्यतम व्यक्तित्व का गुणगान किया गया है। शिव- जो स्वयंभू हैं, शाश्वत हैं, सर्वोच्च सत्ता हैं, विश्व चेतना हैं और ब्रह्माण्डीय अस्तित्व के आधार हैं।


इसी क्रम में डॉ त्रिपाठी जी ने बताया की ज्योतिष पढना एवं पढ़ाना एक साधना है जो कि मानव जीवन के लिए सदैव लाभकारी रहेगा आदर्श वाक्य चलो एक बार फिर विद्यार्थी बन जाएं“ को सार्थक करने के लिए सदैव प्रयत्नशील दिशा में कार्यरत है | डॉ त्रिपाठी ने बताया की सूर्य एवं चन्द्र एक प्रत्यक्ष साक्षी है ज्योतिष विधा एवं ग्रहों को परिभाषित करने वाले प्रमाणों को | अंत में डॉ समीर त्रिपाठी ने सभी को बधाई और धन्यवाद देते हुए कहा कि यह सम्पूर्ण विश्व के लिए अत्यंत हर्ष एवं गर्व का विषय है |

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