कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ ने अब तक 150 किमी का सफर किया पूरा

कोलम में वायनाड सांसद राहुल गांधी ने छात्रों, ऑटो रिक्शा ड्राइवर और काजू किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। पार्टी का कहना है कि शाम के समय पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे।

कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ अब तक 150 किमी का सफर पूरा कर चुकी है। अब यात्रा को एक सप्ताह पूरा होने के बाद पदयात्रियों ने गुरुवार को आराम करने का फैसला किया है। इस बात की जानकारी पार्टी के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने दी है। कांग्रेस ने 5 महीने में कन्याकुमारी से जम्मू और कश्मीर तक 3700 किमी से ज्यादा की दूरी चलकर पूरी करने का फैसला किया है।

15 सितंबर को राहुल समेत अन्य यात्री कोलम के यूनुस कॉलेज में आराम करेंगे। इस बात की जानकारी पार्टी के एक सदस्य ने दी है। रमेश ने ट्वीट किया, ‘अब तक 150 किमी पूरे हो चुके हैं। राहुल गांधी ने कोलम जिले के छतानूर में छात्रों से बात की। शाम को पदयात्रा में जमकर भीड़ उमड़ी। कल सभी के लिए आराम का दिन है और पदयात्रा कोलम से अगले दिन शुरू होगी।’

RSS और भाजपा पर हमले 
यात्रा के केरल पड़ाव पर राहुल गांधी लगातार भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की विचारधारा पर हमला बोल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि ये देश में हिंसा, नफरत और नाराजगी फैला रहे हैं, जो समाज सुधारक श्री नारायण गुरू की शिक्षा के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने महाशक्ति को हराने के लिए अहिंसा का इस्तेमाल किया था और आज हमारी असली शक्तियां भाजपा और संघ की विचारधारा से कमजोर हो रही हैं।

कोलम में वायनाड सांसद ने छात्रों, ऑटो रिक्शा ड्राइवर और काजू किसानों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की। पार्टी का कहना है कि शाम के समय पदयात्रा में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए थे। वहीं, पल्लीमुक्कू के पास भी राहुल के कार्यक्रम में भारी भीड़ शामिल हुई थी।

केरल पड़ाव को समझें
कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा 12 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों से गुजरेगी। इस दौरान करीब 120 स्थायी यात्री महंगाई, बेरोजगारी और सांप्रदायिक सद्भावना के मुद्दे को उठाएंगे। वहीं, केरल में पार्टी 450 किमी की यात्रा तय करेगी। 19 दिनों के दौरान नेता 7 जिलों से गुजरेंगे। 1 अक्टूबर को भारत जोड़ो यात्रा के कर्नाटक अध्याय की शुरुआत होगी।

17 सितंबर को यात्रा अलप्पुझा, 21 और 22 सितंबर को एर्नाकुलम होते हुए 23 सितंबर को थ्रिसूर पहुंचेगी। 26 और 27 मार्च को पदयात्रा पलक्कड़ से गुजरेगी और 28 सितंबर को मलप्पुरम पहुंचेगी।

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