रेलवे स्टेशनों पर बंद चल रही वाटर वेंडिंग मशीनों को अब रेलवे देगा संजीवनी

कोविड महामारी के समय से ही रेलवे स्टेशनों पर बंद चल रही वाटर वेंडिंग मशीनों को अब रेलवे संजीवनी देगा। आईआरसीटीसी के बाद अब रेलवे गोरखपुर ,बस्ती, गोण्डा और लखनऊ समेत 10 स्टेशनों पर 48 वाटर वेंडिंग मशीन लगाने जा रहा है। इसके लिए लखनऊ डिवीजन टेंडर भी जारी कर चुका है। ये मशीनें लग जाने से यात्रियों को एक बार फिर सस्ता और ठंडा पानी मिल सकेगा। गोरखपुर जंक्शन में 12 एटीवीएम लगे हुए हैं। ऐसे में यहां नए सिरे से रेलवे 12 एडब्ल्यूवीएम लगाएगा। 

2019 में आम यात्रियों की सस्ते में ही प्यास बुझाने वाली आटोमेटिक वाटर वेडिंग मशीनें पूरी तरह से कंडम हो चुकी है। सभी प्लेटफार्म पर लगी मशीनों में अब जंग लग चुका है। ठेकेदार काम छोड़कर भाग खड़ा हुआ और अब दूसरा कोई ठेका लेने को तैयार नहीं हुआ। सामान्य यात्रियों को महज दो रुपये में ठंडा और आरओ का पानी उपलब्ध कराने वाली मशीनों को अब देखने वाला भी कोई नहीं है।

सीपीआरओ, पंकज कुमार सिंह ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि वाटर वेंडिंग मशीनों की स्थापना एवं संचालन के लिए निविदा आमंत्रित की गई थी जिसमे कोई भी निविदा प्राप्त नही हुई। रेलवे यात्रियों को बेहतर सुविधा प्रदान करने को संवेदनशील है। प्लेटफॉर्मों पर शुद्ध पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाती है। पेयजल की शुद्धता की भी जांच की जाती है।

रोजाना 20 से 22 हजार लीटर पानी की थी खपत
सस्ता और शुद्ध होने की वजह से यात्रियों में इस पानी की काफी डिमांड थी। सामान्य दिनों में रोजाना 20 से 22 हजार लीटर पानी की खपत रहती थी लेकिन गर्मी के दिनों में 30 हजार लीटर तक इसकी खपत पहुंच जाती थी।

कहां कितनी वेंडिंग मशीन
गोरखपुर में 12
बस्ती में 04
खलीलाबाद में 04
लखनऊ में 08
बादशाहनगर में 02
ऐशबाग में 03
गोण्डा में 06
मनकापुर में 03
लखीमपुर में 02
सीतापुर में 03

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