किसानों पर हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ दूसरे दिन भी अश्विनी चौबे का मौन व्रत जारी
बक्सर के चौसा पावर प्लांट के लिए जमीन अधिग्रहण के उचित मुआवजे की मांग पर किसानों पर हुए पुलिसिया जुल्म के खिलाफ अश्विनी चौबे का मौन व्रत जारी है। बक्सर से सांसद और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे शनिवार को भी रामचरितमानस लेकर अंबेडकर प्रतिमा के नीचे मौन व्रत पर बैठे।उन्होंने ट्वीट कहा कि आध्यातम और धर्म की नगरी बक्सर में किसानों पर हुई पुलिस की बर्बरता, बिहार सरकार की दमनकारी नीतियों और श्री रामचरितमानस ग्रंथ के अपमान से अत्यंत दुखी हूं। बिहार के कल्याण और शांति के लिए बक्सर के डॉक्टर अंबेडकर चौक पर डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जी की प्रतिमा के नीचे मौन व्रत रख रहा हूं। प्रभु श्रीराम बिहार सरकार को सद्बुद्धि दें। किसानों और युवाओं पर अत्याचार बंद हो। इस दौरान उनके साथ काफी संख्या में भाजपा के कार्यकर्ता भी इस मानस पाठ में बैठे।
चौसा में बन रहे थर्मल पावर प्लांट में दिए गए अपने जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे किसानों के घर पुलिस ने जमकर तांडव मचाया था। इस दौरान हिंसक झड़प भी हुई थी। वहीं, इस मामले को लेकर पुलिस के दमनकारी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे अपने सैकड़ों समर्थकों के साथ मौन व्रत पर बैठकर रामचरितमानस का पाठ करते रहे। इससे पहले केंद्रीय मंत्री श्री चौबे ने चौसा की घटना पर रोष जताते हुए कहा कि बिहार सरकार धृतराष्ट्र बन गई है। जब एसजेवीएन किसानों की मांगों के अनुसार उन्हें मुआवजा देने के लिए तैयार है तो बिहार सरकार सर्किल रेट में संशोधन क्यों नहीं किया।
,अश्विनी चौबे ने कहा था कि मेरे द्वारा बार-बार जिला प्रशासन को आगाह किया गया था। कि वे किसानों को समझाएं। लेकिन, उन्हें उकसाने का काम किया गया। इसमें जो भी पुलिस व प्रशासनिक पदाधिकारी दोषी हैं, उनपर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। हिंसा किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है। किसानों पर हुए अत्याचार और नीतीश सरकार की अनदेखी के खिलाफ शुक्रवार को अंबेडकर प्रतिमा के सामने मौन पर बैठ गए। अश्विनी चौबे का मौन कई घंटों का है। इससे पहले अश्विनी चौबे गुरुवार को चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव पहुंचे। जहां पुलिसिया बर्बरता के शिकार किसानों के परिवारों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी थी।
वहीं इस मामले में अब तक तीन प्राथमिकी दर्ज की गई है। दो में अज्ञात पर केस किया गया है जबकि एक में 24 लोगों को नामजद अभियुक्त बनाया गया है। एसजेवीएन प्रबंधन के अनुसार, आगजनी-बवाल की घटना और काम ठप होने से पावर प्लांट को 50-60 करोड़ों रुपए से अधिक का नुकसान का होने का अनुमान है।