डायब‍िटीज में ब्‍लड शुगर लेवल असामान्‍य हो जाता है, ऐसे में क्‍या रक्‍तदान करना चाह‍िए? जान‍िए डॉक्‍टर की राय-

रक्‍तदान को महादान कहा जाता है। ज्‍यादातर लोग अपनी ज‍िंदगी में कभी न कभी रक्‍तदान करते हैं। लेक‍िन डायब‍िटीज के मरीजों को ऐसा लगता है क‍ि वे रक्‍तदान नहीं कर सकते। टाइप 1 और टाइप 2 डायब‍िटीज के मरीजों को अक्‍सर ये भ्रम रहता है क‍ि ब्‍लड डोनेट करने से उन्‍हें कमजोरी आ जाएगी। या कुछ मरीजों को लगता है उनके ब्‍लड शुगर स्‍तर में पर‍िवर्तन आएगा। हालांक‍ि ऐसा नहीं है। ब्‍लड डोनेशन से पहले डॉक्‍टर हेल्‍थ स्‍क्रीन‍िंग की मदद से पता लगाते हैं क‍ि आपको क्‍या-क्‍या बीमार‍ियां हैं। साथ ही जांच से उन्‍हें इसका अंदाज भी लग जाता है क‍ि आप रक्‍तदान के ल‍िए स्‍वस्‍थ्‍य हैं या नहीं। इस लेख में हम जानेंगे क‍ि डायब‍िटीज में रक्‍तदान कर सकते हैं या नहीं। इस व‍िषय पर बेहतर जानकारी के ल‍िए हमने लखनऊ के केयर इंस्‍टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फ‍िजिश‍ियन डॉ सीमा यादव से बात की। 

डायब‍िटीज के मरीज रक्‍तदान कर सकते हैं?-

  • डॉ सीमा की मानें, तो डायब‍िटीज में रक्‍तदान कर सकते हैं क्‍योंक‍ि डायब‍िटीज की समस्‍या का संबंध मेटाबॉल‍िज्‍म से होता है न क‍ि रक्‍त से।
  • आपको इस बात का ध्‍यान रखना है जो रक्‍तदान कर रहा है, उसे क‍िसी तरह की बीमारी नहीं होनी चाह‍िए। 
  • डायब‍िटीज के मरीजों के शरीर में हीमोग्‍लोब‍िन की सही मात्रा होनी चाह‍िए। 
  • इसके साथ ही डायब‍िटीज के मरीजों का ब्‍लड शुगर स्‍तर और रक्‍तचाप सही होना चाह‍िए। 
  • डाय‍ब‍िटीज में खानपान का ख्याल रखते हैं और हेल्‍दी लाइफस्‍टाइल फॉलो करते हैं, तो रक्‍तदान कर सकते हैं।
  • आपको एक बात का खास ख्‍याल रखना है क‍ि ब्‍लड डोनेट करने से पहले उपवास न रखें और न ही भूखे रहें।

क‍िस स्‍थ‍ित‍ि में डायबि‍टीज मरीज न करें रक्‍तदान?  

  • अगर ब्‍लड डोनर को किडनी या हार्ट से जुड़ी बीमारी है, तो उसे रक्‍तदान नहीं करना चाह‍िए। 
  • अगर आप इंसुल‍िन ले रहे हैं, तो भी रक्‍तदान करने से बचना चाह‍िए।  
  • ब्‍लड डोनेट करते समय मरीज का ब्‍लड शुगर स्‍तर ज्‍यादा नहीं होना चाह‍िए।   
  • रक्‍तदान के कारण स‍िर घूमने या घबराहट जैसे लक्षण नजर आते हैं, तो रक्‍तदान न करें।
  • ऐसी स्‍थ‍ित‍ि में पर्याप्‍त मात्रा में खाना और पानी का सेवन करें।

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