जानिए किस मामले 4 डिप्टी रजिस्ट्रार हुए सस्पेंड…
गाजियाबादजिले में फर्जी पावर ऑफ अटार्नी पर जमीन की रजिस्ट्री करने के आरोप में चार उपनिबंधकों नवीन राय, सुरेंद्र चंद्र मौर्य, रवींद्र मेहता व अवनीश राय को सस्पेंड कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि सदर तहसील के सब रजिस्ट्रार कार्यालय में 16 हजार से ज्यादा दूसरे राज्यों की पावर ऑफ अटार्नी कराई गई। इन सभी में नियमों को दर किनार किया गया।
इस खेल का खुलासा जनवरी में खुद स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री ( स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल ने किया था। इस मामले में एक सब रजिस्ट्रार पहले ही सस्पेंड हो चुका है। शासन से अब चार सब रजिस्ट्रार पर कार्रवाई के बाद जिले में निबंधन से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मचारियों में हड़कंप मच गया है।
क्या है मामला
पिछले साल जानकारी मिली थी कि गाजियाबाद में दूसरे राज्यों के लोग संपत्तियों के मुख्तारनामे करा रहे हैं। इनमें सामने आया कि किसी दूसरे जिलों की संपत्तियों के मुख्तारनामे फरीदाबाद, गुरुग्राम, दिल्ली आदि के निवासियों ने कराए हैं। नोएडा व गाजियाबाद में इस तरीके की करीब 25 हजार से ज्यादा संपत्तियों की पावर ऑफ अटॉर्नी कराई गई। मामले में शक होने पर शासन स्तर पर विशेष जांच समिति का गठन कर जांच शुरू कराने आदेश दिए गए।
शासन स्तर से पावर ऑफ अटॉर्नी पर रोक भी लगा दी गई। महानिरीक्षक निबंधन ने गाजियाबाद व गौतमबुद्धनगर जिलों की पावर ऑफ अटार्नी की जांच भी अन्य जिलों के अधिकारियों से करवाने के आदेश दिए थे।
सूत्रों के अनुसार. जांच में पावर ऑफ अटार्नी में बड़ा खेल सामने आया। जिन संपत्तियों की पावर ऑफ अटार्नी हुई थी उन्हें दूसरों को बेचा गया, खादर क्षेत्र में पावर ऑफ अटार्नी के बाद जमीनों को बेचा गया। इतना ही नहीं एक ही व्यक्ति ने कई कई लोगों को पावर ऑफ अटार्नी कर दी।
विवेक श्रीवास्तव (अपर जिलाधिकारी, वित्त एवं राजस्व) ने बताया कि शासन ने पावर ऑफ अटार्नी के मामले में चार सब रजिस्ट्रार को सस्पेंड किया है। निलंबन के कौन-कौन से आधार बनाए गए हैं यह शासन से पत्र आने के बाद पता चलेगा। फिलहाल इनका काम बाकी अन्य सब रजिस्ट्रार के जरिए दिखवाया जाएगा।