राजस्थान में एनआईए ने एक बार फिर पीएफआई के सात ठिकानों पर मारा छापा…
राजस्थान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए ने एक बार फिर पीएफआई के सात ठिकानों पर छापे मारे हैं। जयपुर, बूंदी, सवाई माधोपुर और कोटा में सुबह से ही कार्रवाई चल रही है। एनआईए ने पदाधिकारियों के छापे मारे है।राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने पीएफआई के पदाधिकारियों के घरों पर छापे मारे है। जयपुर, बूंदी, सवाईमाधोपुर, भीलवाड़ा और कोटा समेत अन्य स्थानों पर छापामार कार्रवाई की गई है। इन जिलों में पीएफआई के एक-एक पदाधिकारियों के घरों पर छापे मारे गए है। बता दें, इससे पहले भी एनआईए ने पीएफआई के पदाधिकारियों के जयपुर स्थित आवासीय ठिकानों पर रेड मारी थी। अधिकारियों को छापे के दौरान आपत्तिजनक सामग्री भी मिली। हालांकि, अधिकारियों ने पूरी जानकारी देने से इनकार कर दिया था। जांच एजेंसी की छापेमार कार्रवाई जारी है। सूत्रों के अनुसार कोटा में संगठन के कई सदस्यों को पकड़ा है।
संदिग्ध आवासीय ठिकानों पर छापे
जांच एजेंसी NIA के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार राजस्थान में पहले की गई रेड में बारां के रहने वाले आरोपी सादिक सर्राफ पुत्र समर निवासी और मोहम्मद आसिफ पुत्र अशफाक मिर्जा को पकड़ा गया था। तब पूछताछ में सामने आया कि दोनों PFI के पदाधिकारियों, मेंबर्स और कैडर के साथ PFI के कोटा जिले में गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल हैं। NIA की ओर से 19 सितंबर 2022 को मामला दर्ज किया गया था। इसके बाद NIA की ओर से PFI पदाधिकारियों के संदिग्ध आवासीय और व्यावसायिक परिसरों पर छापेमारी की गई।उस समय तलाशी में डिजिटल डिवाइस, एयर गन, धारदार हथियार और आपत्तिजनक डॉक्यूमेंट जब्त किए गए थे। उसी कड़ी में जांच जारी है।
PFI पर पिछले साल लगाया था बैन
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) को बैन कर दिया है। PFI को प्रतिबंधित करने की मांग कई राज्यों ने की थी। NIA और तमाम राज्यों की पुलिस और एजेंसियों ने पीएफआई के ठिकानों पर छापेमारी कर सैकड़ों गिरफ्तारियां की थीं। गृह मंत्रालय ने पीएफआई को 5 साल के लिए प्रतिबंधित संगठन घोषित किया। बता दें, PFI की जड़ें 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद मुसलमानों के विभिन्न आंदोलनों से जुड़ी हुई हैं। दरअसल, 1994 में केरल में मुसलमानों ने नेशनल डेवलपमेंट फंड (NDF) की स्थापना की थी। धीरे-धीरे NDF ने केरल में अपनी जड़ें मजबूत कर लीं और समय-समय पर इस संगठन की सांप्रदायिक गतिविधियों में संलिप्तता भी सामने आई है।