‘सशक्त और समृद्ध’ देश का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहीं ये बात ..
‘सशक्त और समृद्ध’ देश का आह्वान करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को कहा कि केंद्र सरकार ने बीते कुछ महीनों में देश भर में लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए हैं और आठ करोड़ युवा पहली बार उद्यमी बने हैं। उत्तराखंड रोजगार मेला को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारा यह निरंतर प्रयास है कि हर युवा को उसकी रूचि और योग्यता के अनुसार नए अवसर मिलें, सभी को आगे बढ़ने का उचित माध्यम मिले।
सरकारी सेवाओं में भर्तियों का यह अभियान भी इसी दिशा में उठाया गया एक कदम है। बीते कुछ महीनों में केंद्र सरकार ने देश के लाखों युवाओं को नियुक्ति पत्र दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन भी राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकारें हैं, वहां भी इसी प्रकार के बड़े स्तर पर रोजगार अभियान चलाए जा रहे हैं। मोदी ने कहा कि युवाओं को स्वरोजगार के अवसर और रोजगार मिलने से देश सशक्त और समृद्ध होगा।
इस संबंध में उन्होंने ‘मुद्रा लोन योजना’ का जिक्र किया और कहा कि इसके तहत देश भर में युवाओं को 38 करोड़ मुद्रा लोन दिए गए जिससे आठ करोड़ युवाओं को पहली बार उद्यमी बनने में मदद मिली। उन्होंने कहा कि योजना के तहत दस लाख रुपये का ऋण बिना किसी गारंटी के मिल रहा है जिसका युवा भरपूर लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं कि उत्तराखंड में ”पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी” पहाड़ के काम आए।
प्रधानमंत्री ने कहा, ”हमें यह धारणा बदलनी है कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आ रही है। केंद्र सरकार का निरंतर प्रयास रहा है कि उत्तराखंड की युवा पीढ़ी अपने गांव की तरफ लौटे। इसके लिए पहाड़ में रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर बनाए जा रहे हैं।” उन्होंने इस संबंध में सड़क और रेल परियोजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज राज्य में आधारभूत संरचनाओं के विकास में बहुत निवेश हो रहा है जिससे रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं।
इस मेले में नियुक्ति पत्र पाने वाले सहायक अध्यापकों को भी प्रधानमंत्री ने बधाई दी और कहा कि यह उनके लिए जीवन की एक नयी शुरुआत है। उन्होंने कहा, ”जिस सेवा में आज आप प्रवेश कर रहे हैं, वह सिर्फ आपका जीवन बदलने का नहीं बल्कि व्यापक बदलाव का माध्यम है। अपने सेवा भाव से आपको राज्यों और राष्ट्र में विकास और विश्वास के प्रयासों में अपना भरपूर योगदान देना है।”