रूस, इस्लामाबाद को प्रतिदिन 1 लाख बैरल कच्चा तेल देने के लिए हुआ तैयार
तंगहाल पाकिस्तान को रूस की ओर से कच्चे तेल की पहली खेप मिलने वाली है। संभावनाएं जताई जा रही हैं कि इसके बाद रूस और पाकिस्तान के बीच तेल को लेकर बड़ा समझौता हो सकता है। खबर यह भी है कि रूस अब पाकिस्तान से डॉलर के अलावा रूबल, चीनी येन, UAE के दिरहम में भुगतान के लिए तैयार हो गया है। कहा जा रहा था कि रूस ने कच्चे तेल की डील को लेकर पाकिस्तान की गंभीरता पर संदेह जाहिर किया था।
मॉस्को पहले ही इस्लामाबाद को प्रतिदिन 1 लाख बैरल कच्चा तेल देने के लिए तैयार हो गया है। अगर यह डील हो जाती है, तो सऊदी अरब के बाद रूस, पाकिस्तान का कच्चे तेल का दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर बन जाएगा। साथ ही इस साल अप्रैल के अंत तक पाकिस्तान को पहली खेप मिल सकती है।
डील पर नहीं था रूस को भरोसा?
मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि डील पूरी करने को लेकर रूस, पाकिस्तान की गंभीरता को लेकर संदेह में था। ऐसे में हाल ही में हुई बैठक के दौरान पाकिस्तान से टेस्टिंग के तौर पर एक कार्गो आयात करने के लिए कहा गया था। इस मांग के बाद पाकिस्तान भी एक कार्गो मंगाने के लिए तैयार हो गया है।
कहा जा रहा है कि रूस का कच्चा तेल भारी होता है और पाकिस्तान में ऐसे तेल को रिफाइन करने की सुविधाएं नहीं हैं। ऐसे में मॉस्को ब्लेंडेड तेल देने के लिए तैयार हो गया है।
कैसे होगा भुगतान?
ताजा आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान को रूस को डॉलर में भुगतान करना मुश्किल हो जाएगा। अब खबर है कि रूस भी तीन मुद्राओं में भुगतान हासिल करने के लिए तैयार हो गया है। कहा जा रहा है कि स्टेट बैंक और पाकिस्तान और रूस में समकक्ष बैंक भुगतान व्यवस्था के लिए मंथन कर रहे हैं।
कीमत तय नहीं
माना जा रहा है कि पाकिस्तान अगर रूस के साथ डील करने में सफल हो जाता है, तो यह बड़ी राहत साबित होगा। इसके अलावा डॉलर के अलावा अन्य मुद्रा में भुगतान भी पाकिस्तान को राहत देने वाला होगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सूत्र बताते हैं कि इस्लामाबाद चाहता था कि G-7 देशों की तरफ से तय की गई सीमा पर ही मॉस्को के साथ डील हो जाए
हालांकि, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन सीमित कीमत पर ही तेल आयात करने नहीं चाहते थे। इसे पहले पाकिस्तानी अधिकारी बता चुके हैं वे रूस से कीमत में 30 फीसदी छूट के साथ तेल हासिल करेंगे, लेकिन रूस ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया है। खबर है कि दोनों देश अब तक कच्चे तेल की कीमत पर सहमति नहीं बना सके हैं। साथ ही इस्लामाबाद अच्छे डिस्काउंट की भी उम्मीद कर रहा है।