बैंक ऑफ़ बड़ौदा ने भारतीय भाषाओं में साहित्यिक लेखन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रभाषा सम्मान की शुरुआत की

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में अग्रणी, बैंक ऑफ़ बड़ौदा (बैंक) ने भारतीय भाषाओं में साहित्यिक लेखन को बढ़ावा देने के लिए एक विशेष सम्मान ‘बैंक ऑफ़ बड़ौदा राष्ट्रभाषा सम्मान” की शुरुआत की है। जिसके अंतर्गत मूल रूप से भारतीय भाषाओं में लिखे गए उपन्यास की हिंदी में अनूदित श्रेष्ठ कृति को सम्मानित किया जाएगा। बैंक ने इस सम्मान के लिए प्रविष्टियों के आमंत्रण हेतु पंजीकरण की प्रक्रिया आरंभ कर दी है। यह सम्मान भारतीय भाषाओं के बीच सामंजस्य को बढ़ाने और देश में साहित्यिक अनुवाद कार्य को प्रोत्साहित करने तथा आम लोगों के लिए हिंदी में श्रेष्ठ भारतीय साहित्य उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखता है। संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल भारतीय भाषाओं में लिखे गए उपन्यास की हिंदी में अनूदित कृति सम्मान हेतु पात्र होगी। प्रविष्टियां हिंदी अनुवादकों के साथ-साथ प्रकाशकों से भी आमंत्रित की जा रही हैं। इस सम्मान के तहत प्रति वर्ष सम्मानित उपन्यास के मूल लेखक को 21 लाख तथा उस कृति के हिंदी अनुवादक को 15 लाख तथा अन्य पांच चयनित कृतियों के लिए प्रत्येक मूल लेखक को 3 लाख तथा उसके हिंदी अनुवादक को 2 लाख की सम्मान राशि दी जाएगी। 7 अप्रैल तक इसमें पंजीकरण किया जा सकता है।

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