दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले में एक बार फिर कोरोना वायरस के मामले बढ़ने लगे.
नोएडा जिले में कोरोना वायरस ने एक बार फिर रफ्तार पकड़नी शुरू कर दी है। शनिवार को 141 मरीजों में संक्रमण की पुष्टि हुई है। जिले में अब 560 सक्रिय मामले हैं। इनमें 539 होम आइसोलेशन में हैं जबकि 21 मरीज अस्पताल में इलाज करा रहे हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए जिले में हाई अलर्ट जारी किया गया है।
सर्वाधिक बिसरख ब्लाक से पाए गए हैं। शनिवार को 991 संदिग्धों की जांच हुई। जिसके बाद संदिग्धों की एंटीजन और आरटी-पीसीआर जांच कराई गई। जांच में हर आठवां नमूना पाजीटिव पाया गया है। सभी मरीजों में बुखार, खांसी, नजला आदि लक्षण पाए गए। सभी सीएमओ डॉ. सुनील कुमार शर्मा का कहना है कि संक्रमण से बचाव के लिए प्रोटोकाल संबंधी गाइडलाइन जारी कर दी है।
मास्क और शारीरिक दूरी के नियम को लागू कराया जा रहा है। हालांकि मास्क नहीं लगाने पर अभी कोई जुर्माने की कार्रवाई का प्राविधान नहीं है। जिला डिप्टी सर्विलांस अधिकारी डा. अमित कुमार का कहना है कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं, वह पुरानी बीमारी की वजह से भर्ती किए गए है। इलाज के दौरान मरीज संक्रमण की चपेट में आ गए। हालांकि इनमें कोरोना के मामूली लक्षण हैं।
स्टाफ की कमी बनी मुसीबत
कांटैक्ट ट्रेसिंग के लिए 15 से अधिक टीमें हैं। लेकिन आबादी के लिहाज से कांटैक्ट ट्रेसिंग टीमों की कमी महसूस की जा रही है। ऐसे में लोगों को जांच के लिए इंतजार करना पड़ रहा या अस्पताल तक दौड़ लगानी पड़ रही है। इससे संक्रमण का खतरा एक बार से फिर से बढ़ा है। वहीं विदेश से आने वालों की जांच भी नहीं हो पा रही है।
खांसी, बुखार में इस्तेमाल दवाओं की खपत बढ़ी
कोरोना के लगातार बढ़ते प्रकोप के बीच सर्दी-जुकाम, बुखार एंटीबायोटिक, एलर्जिक दवाओं की बिक्री में 15 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी हो गई है। अधिकांश लोग गले में खराश, दर्द के लिए एंटीएर्जिक, एंटीबायोटिक दवाएं मांग रहे हैं। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए जिंक, मल्टीविटामिन, आयरन भी ले रहे हैं। मास्क भी खूब बिक रहा है। बिक्री में इजाफा हुआ है।
औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने बताया कि जिले में दवाओं का कालाबाजारी रोकने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कोरोना के इलाज में इस्तेमाल दवाओं की कमी नहीं है। वहीं राम मेडिसिन के दवा विक्रेता फिरेराम के मुताबिक मास्क और बदलते मौसम के कारण मौसमी बीमारियों इस्तेमाल दवा की मांग बढ़ी है।