देश में कोई जबरन चुप्पी नहीं थोपी गई है- उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़
कांग्रेस की पूर्व प्रमुख सोनिया गांधी द्वारा पिछले दिनों एक अंग्रेजी दैनिक में प्रकाशित लेख में मोदी सरकार पर चुप्पी थोपने का आरोप लगाने के कुछ दिनों बाद गुरुवार को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि देश में कोई जबरन चुप्पी नहीं थोपी गई है और भारत में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का स्तर किसी से कम नहीं है।
यहां 16वें लोक सेवा दिवस के अवसर पर सिविल सेवकों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने भारत को सबसे बड़ा लोकतंत्र और इसे लोकतंत्र की जननी बताते हुए कहा कि हमारे देश का लोकतंत्र सभी स्तरों पर चाहे गांव हो, नगर पालिका हो या फिर राज्यों और केंद्र की बात हो, यह सबसे कार्यात्मक तथा जीवंत है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का हमारे जैसा स्तर किसी के भी पास नहीं है और लोगों की आवाज को दबाने का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिलता है।
उपराष्ट्रपति ने उन लोगों के प्रति निराशा व्यक्त की जो भारतीय लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थानों को नीचा दिखाने, निंदा करने, कलंकित करने तथा गलत साबित करने के दुस्साहस में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि यह हैरान करने वाला होता है कि जब आर्थिक विकास, नीति-निर्माण और कार्यान्वयन की बात आती है तो हममें से कुछ क्यों आनंदपूर्वक स्वघोषित लक्ष्यों का सहारा लेने लगते हैं? उपराष्ट्रपति ने इस बुरी आदत को समाप्त करने की जरूरत बताई।
भ्रष्टाचार रोधी अधिनियम में धारा 17ए को जोड़ना सही कदम
उपराष्ट्रपति ने कहा कि 2018 में भ्रष्टाचार-रोधी अधिनियम में संशोधन के जरिये धारा 17ए को शामिल करना एकदम सही दिशा में उठाया गया कदम था ताकि लोक सेवक अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वहन कर सकें। उन्होंने केंद्र और राज्यों में प्रशासन में एकरूपता की वकालत करते हुए कहा कि यह संवैधानिक रूप से अनिवार्य है।