PM मोदी पर आत्मघाती बम हमले की धमकी देने वाले आरोपित को केरल पुलिस ने किया गिरफ्तार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आत्मघाती बम हमले की धमकी देने वाले आरोपित को केरल पुलिस ने रविवार को गिरफ्तार किया। कोच्चि निवासी जेवियर ने अपने पड़ोसी एनजे जानी के नाम से मलयालम में पत्र लिखकर पीएम मोदी के केरल दौरे के दौरान उन पर हमले की धमकी दी थी।

पड़ोसी को फंसाने के लिए जानी के नाम पर भेजा था पत्र

पूछताछ में जेवियर बताया कि उसने अपने पड़ोसी को फंसाने के लिए जानी के नाम पर पत्र भेजा था। लिखावट के विज्ञानी सत्यापन से यह भी साबित हुआ कि पत्र जेवियर ने लिखा था, क्योंकि जानी के साथ उसकी व्यक्तिगत दुश्मनी है। पीएम मोदी 24 और 25 अप्रैल को केरल में कई कार्यक्रमों में शामिल होंगे। पुलिस

फोरेंसिक जांच के बाद व्यक्ति को किया गया गिरफ्तार

आयुक्त के. सेतु रमन ने कहा, फोरेंसिक जांच के बाद हमने उस व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया, जिसने प्रधानमंत्री के खिलाफ धमकी भरा पत्र भेजा था। मालूम हो कि भाजपा केरल राज्य अध्यक्ष को संबोधित पत्र पर एनजे जानी नामक व्यक्ति का नाम और उसका फोन नंबर भी था। एडीजीपी (खुफिया) की रिपोर्ट मीडिया में प्रसारित होने के बाद शनिवार को पत्र की खबर सामने आई।

पिछले सप्ताह मिला था पत्र

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन कहा कि उन्हें पिछले सप्ताह पत्र मिला था, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी की हत्या की साजिश की बात की गई थी। एनजे जानी ने कहा कि वह निर्दोष है। जानी ने कहा कि उसने पुलिस जांच में पूरा सहयोग किया है। इसके बाद जांच पड़ताल कर जेवियर को गिरफ्तार किया गया। इस बीच प्रधानमंत्री की यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था के तहत कोच्चि में 2,060 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है।

प्रधानमंत्री की सुरक्षा व्यवस्था के विवरण लीक होने पर केंद्रीय मंत्री ने जताई चिंता

केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा व्यवस्था के विवरण के लीक होने को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा, “आश्चर्य की बात है कि प्रधानमंत्री के लिए प्रस्तावित सुरक्षा व्यवस्था का ब्योरा मीडिया और हजारों लोगों के वाट्सएप ग्रुप में लीक हो गया। लेकिन सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि सरकार द्वारा चुप्पी साधी जा रही है। इसके लिए जिम्मेदार व्यक्ति की पहचान होनी चाहिए थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। इससे पता चलता है कि केरल सरकार के गृह मंत्रालय में इस फैसले को लेने वाला कोई नहीं है।”

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