बराबंकी की कोर्ट में वर्चुअल पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी केला और आम के लिए बेचैन दिखा
बांदा जेल में बंद माफिया मुख्तार अंसारी केला और लखनऊ के लजीज आम खाने को तरस रहा है। उसने इसके लिए वचुर्अल पेशी के दौरान फरियाद की। मुख्तार अपने वकील से बोला कि जब वह जेल में उससे मिलने आएं तो केला और लखनऊ के आम जरूर लाएं।
बता दें कि गैंगस्टर के अलग-अलग मुकदमों में बुधवार को बाराबंकी की अदालत में बांदा जेल से मुख्तार की वर्चुअल पेशी हुई थी। इस मामले में अगली सुनवाई 16 मई को होगी। एंबुलेंस मामले में एसीजेएम कोट में 23 मई को डेट पड़ी है। मिली जानकारी के अनुसार अपने वकील रणधीर सिंह सुमन के जरिए मुख्तार ने 197 सीआरपीसी के तहत एक और अर्जी दी है। बुधवार को हुई पेशी के दौरान मुख्तार केला और आम के लिए बेचैन दिखा। उसने अपने वकील से कहा कि इस बार जब जेल आइएगा तो केला और आम जरूर लेते आइएगा।
अधिवक्ता रणधीर सिंह सुमन ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मुख्तार अंसारी के खिलाफ किसी भी मुकदमे में राज्य सरकार ने इजाजत नहीं दी थी। उसके बाद भी मुकदमे चलाए जा रहे हैं। यह गलत है। वह एक विधायक थे और विधायक लोक सेवक की परिभाषा में आता है जिस पर कोई वाद चलाने से पहले राज्य सरकार से 197 सीआरपीसी के तहत इजाजत लेनी होती है लेकिन मुख्तार अंसारी के मामले में ऐसा नहीं किया गया।
आम और केला के लिए मुख्तार की डिमांड के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि 16-17 वर्षों से वह न्यायिक अभिरक्षा में हैं। जो भी व्यक्ति न्यायिक अभिरक्षा में रहता है उसके स्वास्थ्य को बनाए रखने की जिम्मेदारी होती है। मुख्तार अंसारी को भी उनकी उम्र के हिसाब से दवाएं, फल आदि चीजें उपलब्ध कराई जानी चाहिए।