बुलंदशहर हिंसा: कोर्ट में जीतू फौजी की जमानत अर्जी हुई निरस्त

बुलंदशहर(Bulandshahr Violence) में गोकशी के बाद हुए बवाल में गिरफ्तार किए गए जीतू फौजी(Jeetu Fauji) की जमानत अर्जी सोमवार को न्यायालय में निरस्त हो गई। सेना से सुपुर्दगी में लिए जाने के बाद रविवार को कई घंटे की मैराथन पूछताछ के बाद जीतू फौजी को न्यायालय में पेश किया गया था और वहां से उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।सोमवार को जीतू फौजी के अधिवक्ता संजय शर्मा ने सीजेएम कोर्ट में जमानत अर्जी डाली। एसीजेएम प्रथम प्रदीप कुमार राम की अदालत में प्रार्थना पत्र पेश हुआ। न्यायालय ने प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया। अधिवक्ता संजय शर्मा ने बताया कि मंगलवार को जिला एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में जीतू की जमानत के लिए अर्जी डाली जाएगी। उसके खिलाफ पुलिस के पास कोई साक्ष्य नहीं है।

नए एसएसपी ने कहा, नहीं बख्शे जाएंगे उपद्रवी
चार्ज संभालने के बाद एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने कहा कि स्याना हिंसा में इंस्पेक्टर की हत्या हुई है, इस मामले में पुलिस की कार्रवाई नजीर बनेगी। किसी भी सूरत में उपद्रवी बख्शे नहीं जाएंगे। हिंसा के उपद्रवियों की गिरफ्तारी और साक्ष्य जुटाना उनकी पहली चुनौती है। पुलिस लाइन में प्रभाकर चौधरी ने पत्रकार वार्ता ने कहा कि स्याना हिंसा में नामजद बजरंगदल के जिला संयोजक योगेश राज सहित जो भी दोषी हैं उन सभी की गिरफ्तारी होगी। दोषियों को न केवल जेल भेजा जाएगा बल्कि साक्ष्य जुटाकर उन्हें सजा भी कराई जाएगी। हिंसा की एसआईटी जांच कर रही है जनपद पुलिस उसमें पूरा सहयोग करेगी।

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