दिल्ली में सेवाओं को लेकर आए केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को शरद पवार से बड़ा समर्थन मिला
दिल्ली का प्रशासन संभालने के लिए केंद्र सरकार की ओर से लाए गए अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल विपक्ष का समर्थन मांगने निकले हैं। उन्होंने उद्धव ठाकरे, शरद पवार जैसे विपक्षी नेताओं से मुलाकात की है। इसके अलावा वह कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी से भी मिलने वाले हैं। इस बीच उन्हें बड़ी ताकत शरद पवार से मिली है, जिन्होंने अरविंद केजरीवाल के समर्थन कुछ और विपक्षी दलों को राजी करने की बात कही है। इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए संसद में पेश किया जाएगा और विपक्ष को लगता है कि भले ही इसे भाजपा लोकसभा में अपने बहुमत के दम से पारित करा ले, लेकिन राज्यसभा में रोका जा सकता है।
शरद पवार ने अरविंद केजरीवाल को यही भरोसा दिया है कि वह राज्यसभा में विपक्षी दलों को इस बिल के खिलाफ एकजुट होने के लिए प्रेरित करेंगे। पवार ने अरविंद केजरीवाल को संकेत दिया है कि वह कांग्रेस नेतृत्व और ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी बीजेडी से बात कर सकते हैं। मीडिया से बातचीत में भी शरद पवार ने इस बात के संकेत दिए। उन्होंने कहा, ‘कुछ हद तक मैं गैर-भाजपा दलों से बातचीत की जिम्मेदारी लेता हूं। हम कुछ और राज्यों में बात करेंगे। चाहे कांग्रेस हो या फिर बीजू जनता दल, सभी से बात करेंगे।’
कांग्रेस में मतभेद, क्या फैसला लेगी लीडरशिप
एनसीपी के दिग्गज ने कहा कि मैं सालों तक सांसद रहा हूं और मेरे बहुत से नेताओं से निजी रिश्ते रहे हैं। मैं इन सभी लोगों से इस मसले पर समर्थन के लिए बात करूंगा। शरद पवार की ओर से कांग्रेस से बात करना अहम है। इसकी वजह यह है कि कांग्रेस इस मामले में बंटी नजर आ रही है। दिल्ली की कांग्रेस यूनिट मानती है कि पार्टी को इस मामले में केजरीवाल का साथ नहीं देना चाहिए। वहीं केंद्रीय नेतृत्व विपक्षी एकता के नाम पर साथ लेने की कोशिश में है। बता दें कि अरविंद केजरीवाल खुद ही कह चुके हैं कि वह मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे।
पवार बोले- यह सिर्फ दिल्ली बनाम केंद्र का मसला नहीं
अरविंद केजरीवाल की आज ही दोनों नेताओं से मीटिंग है। इससे पहले अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने शरद पवार की पार्टी का समर्थन तो मांगा ही है। उनसे यह भी अपील की है कि वे कुछ और दलों को साथ लेने में मदद करें। दिल्ली के सीएम ने कहा कि भाजपा के पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत नहीं है। इसलिए यदि सभी विपक्षी दल एकजुट हो जाएं तो फिर उसके लिए किसी भी बिल को पास करना मुमकिन नहीं होगा। बता दें कि शरद पवार ने दिल्ली के लिए लाए गए अध्यादेश को संवैधानिक लोकतंत्र पर ही हमला बताया है और कहा कि यह सिर्फ दिल्ली बनाम केंद्र की लड़ाई नहीं है।