डिलीवरी के बाद महिला बात-बात पर तुनक जाती है और झल्ला उठती है, ऐसा क्यों होता है और इससे कैसे बचें?

प्रेग्नेंसी का सफर काफी ज्यादा उतार-चढ़ाव से भरा रहता है। कुछ लोगों को लगता है कि डिलीवरी के बाद महिला की सब समस्या खत्म हो जाती है। जबकि, ऐसा नहीं होता है। डिलीवरी के बाद, महिलाओं के जीवन में एक नया चैप्टर शुरू होता है। इस दौरान उन्हें अपनी सेहत के साथ-साथ अपने बच्चे की सेहत का भी पूरा ध्यान रखना पड़ता है। दिक्कत तब आती है, जब नए जन्मे शिशु की देखरेख में महिला अपना ध्यान नहीं रख पाती, खुद को समय नहीं दे पाती और अक्सर परेशान रहती है। इस वजह से बार-बार उनका मूड स्विंग होता रहता है। डिलीवरी के बाद हो रहे मूड स्विंग से बचने के लिए आप कुछ तरीके आजमा सकते हैं। पाल्स की निदेशक, कंसलटेंट क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. दीपाली बत्रा से जानें टिप्स।

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए करीबियों से बातें करें

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए महिलाओं को चाहिए कि वे अपनी सहेलियों, रिश्तेदारों और करीबियों से बातें करें। असल में, कई बार ऐसा होता है कि डिलीवरी के बाद महिला अपने बच्चे में इतनी बिजी हो जाती है कि उसके पास खुद के लिए समय नहीं होता है। इस तरह की बिजी लाइफ उन्हें अपने दोस्तों और रिश्तेदारों से दूर कर देती है, जिस वजह से महिला में चिड़चिड़ापन और गुस्सा भर जाता है। नतीजतन, उनके मूड स्विंग होने लगते हैं। इस तरह की स्थिति से बचने के लिए जरूरी है कि आप नियमित रूप से अपने करीबियों के संपर्क में रहें।

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए अपने लिए समय निकालें 

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए हर महिला को खुद के लिए भी समय निकालना चाहिए। दरअसल, डिलीवरी के बाद भी महिलाओं के शरीर में बदलाव होते रहते हैं। दरअसल, महिलाएं डिलीवरी के बाद अपने शिशु को स्तनपान कराती हैं। इस वजह से उन्हें हेल्दी और पोषक तत्वों से भरपूर चीजें ही खानी होती है ताकि उनके बच्चे का स्वास्थ्य भी सही रहे। इस दौरान, कुछ खास किस्म के हार्मोनल बदलाव भी होते हैं। ऐसे में अगर महिला खुद के लिए मी-टाइम न निकाले, तो मूड स्विंग होना स्वाभाविक हो जाता है। मूड स्विंग्स रोकने के लिए जरूरी है कि आप मी-टाइम निकालें और इस दौरान कुछ मन का करें।

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए एक्सरसाइज करें

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए महिलाओं को एक्सरसाइज करना चाहिए। ऑस्ट्रेलिया में हुए एक अध्ययन से यह स्पष्ट हुआ है कि पोस्ट पार्टम डिप्रेशन से गुजर रही महिलाओं के लिए एक्सरसाइज एंटिडिप्रेसेंट की तरह काम करता है। कहने का मतलब ये है कि जब महिला रेगुलर एक्सरसाइज करती है, तो इससे उसे फील गुड का अहसास होता है और नेगेटिव थॉट्स आने कम होते हैं। इस तरह, उनके मूड स्विंग्स में भी कमी आती है।

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए हेल्दी डाइट लें

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए महिला को हेल्दी डाइट लेनी चाहिए। हालांकि, सिर्फ हेल्दी डाइट लेने से मूड स्विंग में विशेष लाभ नहीं मिलेगा। लेकिन, यह तय है कि जब आप अच्छी डाइट लेती हैं, तो इससे आप स्वस्थ रहते हैं। डिलीवरी के बाद, आपकी बॉडी तेजी से हील होती है, जिससे बच्चे की परवरिश के दौरान आपका मूड नेगेटिवली इफेक्ट नहीं होता है।

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए आराम करें

डिलीवरी के बाद मूड स्विंग से बचने के लिए आराम करना हर महिला के लिए बहुत जरूरी होती है। हालांकि, बच्चे के जन्म के बाद मां के लिए आठ-दस घंटे की नींद लेना मुश्किल हो जाता है, क्योंकि बच्चा प्रत्येक दो-तीन घंटे बाद उठ जाता है। इसके बाद उसे दूध पिलाना और उसके अन्य कामकाज के लिए मां को भी उसके साथ जगना पड़ता है। इस तरह की लाइफस्टाइल की वजह से भी महिला का मूड स्विंग होता रहता है। आपको चाहिए कि आप जब-जब आपका बच्चा रेस्ट करे, उसी दौरान आप भी अच्छी नींद लें। खुद को मोबाइल और इंटरनेट से पूरी तरह से दूर कर लें।

इन बातों का भी रखें ध्यान

  • सैर के लिए जाएं। 
  • धीरे-धीरे अपने जीवन में बदलाव को स्वीकार करें। 
  • दोस्तों से मिलें। 
  • पसंद की चीजों में व्यस्त रहें। 
  • मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर से सलाह लें। 
  • जीवन में आए इस नए बदलाव में जीवनसाथी की मदद लें। 

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