गर्भपात के बाद महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है, ऐसे में महिलाओं को कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैंj, जानते हैं इनके बारे में-
हर महिला के जीवन में प्रेग्नेंसी एक सुखद पड़ाव होता है। लेकिन कुछ महिलाओं को प्रेग्नेंसी में कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ता है। कई बार कुछ महिलाओं को परेशानियों के कारण ऑबोर्शन (गर्भपात) कराना पड़ता है। गर्भपात के बाद महिलाओं के गर्भाशय अन्य अंगों में इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। यदि इनको अनदेखा किया जाए, तो महिलाओं को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। इस दौरान महिलाओं का पेल्विक में दर्द, संभोग के समय दर्द, इंफर्लिटी और एक्टोपिक प्रेग्नेंसी की समस्या हो सकती है। गर्भपात के बाद महिलाओं को मानसिक तौर पर सपोर्ट के साथ ही मेडिकल देखभाल की भी आवश्यकता होती है। इस बारे में मैक्स अस्पताल की इंफर्लिटी विभाग की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुरवीन सिंघु ने बताया कि गर्भपात के बाद महिलाओं को इंफेक्शन का खतरा अधिक होता है। ऐसे में यदि सही देखभाल न की जाए, तो महिलाओं को गर्भाशय से संबंधित रोग होने का जोखिम बढ़ जाता है।
गर्भपात के बाद महिलाओं को इंफेक्शन होने पर दिखाई देते हैं ये लक्षण –
डिस्चार्ज में तेज गंध आना
गर्भपात के बाद महिलाओं को तेज गंध युक्त डिस्चार्ज हो सकता है। महिलाओं में इस तरह का लक्षण सामान्य नहीं होता है। इस दौरान महिलाओं को डॉक्टर से संपर्क कर गर्भाशय की जांच करानी होती है। ताकि किसी भी तरह के संभावित संक्रमण को समय रहते ही दूर किया जा सके।
तेज बुखार आना
अगर महिला को गर्भपात के बाद 24 से 48 घंटों के बाद तेज बुखार आ गया है, तो ऐसे में आपको तुंरत डॉक्टरी सलाह लेनी चाहिए। यह लक्षण महिलाओं के संक्रमण की ओर संकेत करता है। इस दौरान डॉक्टर महिलाओं का चेकअप कर उन्हें एंटीबायोटिक्स दवाएं दे सकते हैं।
पीरियड्स का अनियमित होना
गर्भपात व ऑर्बोशन के बाद महिलाओं को संक्रमण होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। इस समय महिलाओं को पीरियड के दौरान होने वाला रक्त स्राव गहरे लाल रंग व मछली की दुर्गंध की तरह हो सकता है। यह भी संक्रमण का एक संकेत माना जाता है।
पीरियड्स में रक्तस्राव अधिक होना
गर्भपात के समय कुछ महिलाओं को संक्रमण के लक्षणों में पीरियड्स अनियमित, तो कुछ को पीरियड्स के समय अधिक रक्तस्राव की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
पेट या पीठ में तेज दर्द होना
ऑबोर्शन के बाद संक्रमण होने पर कुछ महिलाओं को पेट व पीठ में तेज दर्द की समस्या हो सकती है। दरअसल, इस समय पेल्विक फ्लोर पर संवेदनशीलता बढ़ जाती है। जिसकी वजह से इस हिस्से पर संक्रमण का खतरा अधिक होता है। संक्रमण होने पर महिलाओं को पेट के निचले हिस्से और पीठ में हल्का दर्द महसूस हो सकता है।
प्राइवेट पार्ट में जलन व सूजन
गर्भपात के बाद महिलाओं के प्राइवेट पार्ट की सफाई कराई जाती है। यदि सफाई न की जाए तो इससे बैक्टीरया और फंगस से प्राइवेट पार्ट में इंफेक्शन हो सकता है। जिसकी वजह से महिलाओं को जलन व सूजन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।
गर्भपात के बाद इंफेक्शन से बचाव कैसे करें?
गर्भपात के बाद इंफेक्शन के खतरे से बचने के लिए महिलाओंं को डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस समय डॉक्टर महिलाओं को प्राइवेट पार्ट की हाइजीन पर विशेष ध्यान देने की सलाह देते हैं। साथ ही, इंफेक्शन से बचाव के लिए कुछ दवाएं दे सकते हैं। गर्भपात के करीब 4 से 8 सप्ताह तक किसी भी तरह ही सेक्स गतिविधियों में शामिन न होने की सलाह दी जाती है। इस दौरान सेक्स करने से गर्भाशय में इंफेक्शन होने की संभावना हो सकती है।
गर्भपात के बाद यदि महिलाओं को किसी भी तरह की समस्या महसूस होती हैं, तो उनको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर महिलाओं की मौजूद स्थिति के आधार पर टेस्ट या दवाएं दे सकते हैं।