कील-मुहांसों की समस्या को इन सिंपल स्किन केयर रूटीन से पाएं छुटकारा
वातावरण में लगातार बढ़ता प्रदूषण सिर्फ सेहत के लिए ही खतरनाक नहीं, बल्कि ये स्किन को भी बहुत नुकसान पहुंचाता है खासकर टीनएजर्स की। पॉल्यूशन की वजह से स्किन पोर्स बंद हो जाते हैं, जिससे मुहांसों की समस्या बढ़ जाती है। वायु प्रदूषक त्वचा को कई तरह से नुकसान पहुंचाते हैं। जिसकी वजह से समय से पहले बुढ़ापा नजर आने लगता है, सूजन, एलर्जी जैसे कॉन्टैक्ट डर्मटाइटिस, एटोपिक डर्मटाइटिस, सोरायसिस के अलावा ये स्किन कैंसर का कारण भी बन सकते हैं। तो टीनएज में त्वचा को एक्स्ट्रा केयर की जरूरत होती है। आइए जानते हैं इस बारे में।
सीईटीएमएम रूटीन फॉलो करें
अगर आप अपनी स्किन को बढ़ती उम्र में भी हेल्दी रखना चाहती हैं, तो सीटीएम रूटीन को आज से ही फॉलो करना शुरू कर दें। सीटीएम का मतलब क्लेंजिगं, टोनिंग और मॉइश्चराइजिंग। सबसे पहले स्किन को साफ करें, फिर टोनर लगाएं और सबसे बाद में मॉयश्चराइजर। एक्सफोलिएशन से क्लॉग पोर्स खुल जाते हैं। इसके परिणामस्वरूप ब्रेकआउट्स कम होते हैं।
एक्सफोलिएशन है जरूरी स्टेप
डेड स्किन हटाने और सीबम से छुटकारा पाने के लिए त्वचा को हफ्ते में एक से दो बार एक्सफोलिए करना बहुत जरूरी है। एक्सफोलिएंट स्किन डेब्रिस को हटाता है और स्किन की टोन को एक समान करता है। लेकिन ध्यान रहें बहुत रूखे एक्सफोलिएंट्स से बचें, क्योंकि यह ब्रेकआउट से प्रभावित स्किन को और खराब कर सकता है।
मॉइस्चराइजिंग है बहुत जरूरी
मॉइस्चराइजिंग स्किन केयर का बहुत ही जरूरी स्टेप है, इससे त्वचा में निखार आता है। मॉइस्चराइजिंग करने से त्वचा में नमी बनी रहती है जिससे ड्राईनेस, खुजली की समस्या नहीं होती। त्वचा में पर्याप्त नमी बुढ़ापे के असर को भी कम करती है।
मुहांसों को न छूएं
बेशक चेहरे पर नजर आ रहे पिंपल्स आपकी खूबसूरती खराब करने का काम करते हैं और इनसे जल्द से जल्द छुटकारा पाने के लिए ज्यादातर लड़कियां उन्हें फोड़कर या खुरचकर हटाने की कोशिश करती हैं, लेकिन ये गलती पिंपल की स्थिति को और खराब बना सकती है और चेहरे पर दाग-धब्बों की वजह बन सकती है। तो ऐसा बिल्कुल न करें।