ड्वेन ब्रावो ने आईपीएल से संन्यास लेने के बाद कैसे वो सीएसके के कोच बने, जानें..

आईपीएल के इतिहास में चेन्नई सुपर किंग्स ने एमएस धोनी की कप्तानी में पांचवीं बार ट्रॉफी जीतकर मुंबई इंडियंस की बराबरी कर ली है। 41 साल की उम्र में एमएस धोनी ने बेहतरीन तरीके से टीम का नेतृत्व किया। धोनी किसी खिलाड़ी की खासियत को पहचानने में माहिर हैं और वह उसका टीम में अच्छी तरह से इस्तेमाल करना भी जानते हैं।

कैसे धोनी ने किया ब्रावो को राजी-

टीम के बॉलिंग कोच ब्रावो ने एक इंस्टाग्राम पोस्ट में खुलासा किया कि कैसे एमएस धोनी और कोच स्टीफन फ्लेमिंग के एक फोन कॉल ने उनके भविष्य की योजनाओं को बदल दिया और उन्हें सीएसके के साथ रहने के लिए राजी किया।

जब ब्रावो ने संन्यास का फैसला लिया-

ड्वेन ब्रावो ने वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा कि मैं कहां से शुरू करूं। एक साल पहले जब मैंने आईपीएल क्रिकेट से संन्यास लेने का फैसला किया तो यह मेरे लिए एक दुखद पल था, लेकिन एक सफल आईपीएल करियर की खुशी भी थी।

धोनी ने किया फोन- 

ऐसे में मुझे सीएसके के हेड कोच स्टीफन फ्लेमिंग और एमएस धोनी का फोन आया, जिन्होंने मुझे कोचिंग स्टाफ में शामिल होने के लिए कहा। मेरे दिमाग में कोई संदेह नहीं था क्योंकि यह वही दिशा थी, जिसमें मैं अपने नए क्रिकेट करियर को आगे ले जाना चाहता था।

फैंस का किया शुक्रिया-

मेरे दिमाग में हमेशा से सीखाने का विजन रहा है। आईपीएल के इतिहास में सर्वश्रेष्ठ टीम के लिए एक कोच। ब्रावो ने आगे फैंस को टीम का समर्थन और प्यार करने के लिए शुक्रिया किया। हम जहां भी मैच खेलने जाते हैं हम सिर्फ पीला रंग देखते हैं। इसके अलावा उन्होंने गेंदबाजी कोच का खास शुक्रिया किया है। साथ ही युवा गेंदबाजों को बधाई दी है। यह जीत आप लोगों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।

अभी भी खेलते हैं क्रिकेट-

ब्रावो ने इन पलों का काफी आनंद लिया और वह इन सभी अवसर और प्यार के लिए शुक्रगुजार हैं। ब्रावो अभी भी एक क्रिकेटर हैं और हाल ही में रंगपुर राइडर्स के लिए बांग्लादेश प्रीमियर लीग और एमआई अमीरात के लिए ILT20 में शामिल हुए। उन्होंने 2021 टी20 विश्व कप के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। ब्रावो आईपीएल इतिहास में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

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