19 सितंबर, गणेश चतुर्थी के दिन संसद के नए भवन में शुरू होगी कार्यवाही

दिल्ली, 6 सितंबर 2023। 28 मई को पीएम नरेंद्र मोदी ने नए संसद भवन का उद्घाटन किया था और इसे देशवासियों को समर्पित किया था। 18 सितंबर को संसद के विशेष सत्र की कार्यवाही पुराने भवन में ही शुरू होगी। हालांकि, गणेश चतुर्थी के मौके पर 19 सितंबर को नए संसद भवन में संसद की पहली कार्यवाही होगी।न्यूज एजेंसी एएनआई ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है।

नए संसद भवन बनने की शुरुआत कब हुई थी?

लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों ने पांच अगस्त 2019 को सरकार से संसद के नए भवन के निर्माण के लिए आग्रह किया था। इसके बाद 10 दिसंबर 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने संसद के नए भवन का शिलान्यास किया था। संसद के नवनिर्मित भवन को गुणवत्ता के साथ रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है।

नए और पुराने भवन में क्या अंतर है?

संसद का वर्तमान भवन 1927 में बनकर तैयार हुआ था, जो अब लगभग 100 साल पुराना होने जा रहा है। इस भवन में वर्तमान आवश्यकताओं के अनुरूप स्थान का अभाव था। दोनों सदनों में सांसदों के बैठने की सुविधाजनक व्यवस्था भी कम पड़ रही थी। इसे ध्यान में रखते हुए लोकसभा और राज्यसभा दोनों ने प्रस्ताव पारित कर सरकार से संसद के लिए एक नई इमारत बनाने का आग्रह किया था।

संसद का नवनिर्मित भवन भारत की गौरवशाली लोकतांत्रिक परंपराओं और संवैधानिक मूल्यों को और समृद्ध करने का काम करेगा। यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है, जो सदस्यों को अपने कार्यों को बेहतर ढंग से करने में मदद करेगा। नए संसद भवन से 888 सदस्य लोकसभा में बैठ सकेंगे। संसद के वर्तमान भवन में लोकसभा में 543 जबकि राज्यसभा में 250 सदस्यों के बैठने की व्यवस्था है।

भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए संसद के नवनिर्मित भवन में लोकसभा में 888 सदस्यों और राज्यसभा में 384 सदस्यों की बैठक की व्यवस्था की गई है। दोनों सदनों का संयुक्त सत्र लोकसभा चैंबर में होगा।

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