उ0प्र0 में इन्वेस्टर्स समिट के नाम हुआ करोड़ों का घोटाला – आशुतोष सिन्हा
वाराणसी, 28 नवंबर 2023। विधान परिषद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने उ0प्र0 में हुए इन्वेस्टर्स समिट के नाम पर करोड़ों रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि NSO के आंकड़ों के अनुसार पूरे भारत में 2021-22 वित्तीय वर्ष के दौरान प्राईवेट सेक्टर मे GFCF कुल 48.50 लाख करोड़ का था।
अब अगर हम मात्र उत्तर प्रदेश में अगले वित्तीय वर्ष के फरवरी 2023 के इन्वेस्टर्स समिट की बात करें तो अकेले उत्तर प्रदेश पूरे भारत का 66 प्रतिशत निवेश ले आया जो कि पूरी तरह से आंकड़ेबाजी का खेल दिखाई देता है।
उन्होंने कहा कि DPIIT डिपार्टमेंट आफ प्रमोशन आफ इंडस्ट्री एण्ड इंटरनल ट्रेड, भारत सरकार के अनुसार 2018 मे यूपी में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट मे सरकार का दावा था कि 4.28 लाख करोड़ के कुल 1045 MoU हस्ताक्षर किये गये थे, परंतु DPIIT के आंकड़ों के अनुसार यूपी मे 2018 में कुल 48 प्रोजेक्ट्स मे कुल 12934 करोड़ रूपये, 2019 मे 38 प्रोजेक्ट्स मे 6162 करोड़, 2020 मे 51 प्रोजेक्ट्स मे 14177 करोड़, 2021 मे 60 प्रोजेक्ट्स मे 11333 करोड़ तथा 2022 मे 8384 करोड़ कुल निवेश किये गये।
सीधी बात करें तो कुल 1045 MoU में से 842 MoU बेकार निकले जिसमे एक भी पैसे का निवेश नहीं हुआ। फरवरी 2023 में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट में दावा किया गया कि 33.5 लाख करोड़ के MoU हस्ताक्षर कर आंकड़े तो सरकार ने ढोल पीट कर प्रस्तुत कर दिये लेकिन अभी तक ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी भी नहीं हो पायी है।
उन्होंने कहा कि यूपी सरकार अमेरिका की आस्टिन यूनिवर्सिटी से 35 हजार करोड़ का MoU हस्ताक्षर कर चली आयी जो कि स्वयं ब्लैक लिस्टेड यूनिवर्सिटी है।इसके साथ ही श्री सिन्हा जी ने इस इंवेर्स्टर्स समिट में गमलों की खरीद व परिवहन में भी हुए करोड़ो के घोटालों से भी सदन को अवगत कराया। उन्होंने मा0 मंत्री श्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ जी से पूछा कि क्या उन्हें इस घोटालों की जानकारी है।
इसपर मंत्री जी मूकदर्शक बन गये और गोलमटोल जवाब देते हुए सम्बन्धित प्रकरण की जांच कर उत्तर देने की बात कही।इस समय विधान सभा व विधान परिषद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिसमें विपक्ष के द्वारा सरकार को लगातार घेरा जा रहा है।