यूपी का एक ऐसा गांव, जिसका नाम सुनते ही छूट जाती है हंसी


उत्तर प्रदेश में कई अनोखे गांव हैं जिनमें से कुछ के नाम सुनकर हंसी आ जाती है। सुल्तानपुर जिले के भदैंया ब्लॉक में एक गांव ऐसा है जिसका नाम लेने में भी महिलाएं हिचकिचाती हैं। गांव का नाम तीन भाइयों के नाम पर पड़ा है। अगर आप इस गांव के बारे में नहीं जानते हैं तो पढें पूरी खबर!
यूपी एक ऐसा राज्य है जहां आपको एक से एक गांव देखने काे मिल जाएंगे। हालांकि अब आधे से ज्यादा गांव ऐसे हो चुके हैं जो शहरों को भी टक्कर देते हैं। यूपी में आपको अलग-अलग संस्कृतियों का समागम देखने से लेकर एकता भी देखने को मिलेगी। यहां हर धर्म के लोग रहते हैं। गांवाें की बात करें तो आज भी यहां के लोग धरती से जुड़े हुए हैं।
आज भी ऐसे कई गांव हैं जहां आपको शाम में बच्चे बाहर खेलते हुए नजर आएंगे। महिलाएं कुएं से पानी भरती हुईं दिख जाएंगी। इन्हें लंबे घूंघट में आज भी देखा जा सकता है। वहीं पुरुषों का झुंड गप्पे मारते हुए दिख जाएगा। ये नजारा अब शहर में नहीं देखने को मिलता है। गांव की रौनक ही कुछ और होती है। इनकी सबसे खास बात ये है कि इनके नाम भी बहुत प्यारे होते हैं। हालांकि कई ऐसे भी नाम हैं जिन्हें सुनकर आपकी हंसी निकल जाएगी।
शायद ही पहले सुना हो ये नाम
यूपी में कुछ गांव ऐसे हैं जिनका नाम शायद ही पहले आपने कभी सुना हो। आज हम आपको यूपी के ऐसे ही गांव के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम लेने में महिलाओं को शर्म आती है। तो वहीं पुरुषों को हंसी आ जाती है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस पर गर्व होता है। आइए उस गांव के बारे में जानते हैं सब कुछ –
सुलतानपुर जिले में है ये गांव
ये गांव कहीं और नहीं बल्कि यूपी के सुलतानपुर जिले में है। हम सुलतानपुर के भदैंया ब्लॉक में आने वाले बालमपुर गांव की बात कर रहे हैं। हालांकि ये गांव सिर्फ अपने नाम को लेकर ही नहीं चर्चा में रहता है, यहां की कुछ खासियतें भी हैं जो हर किसी को आकर्षित करती है। इस गांव का नाम बालमपुर पड़ने की खास वजह है।
तीन भाइयों के नाम पर पड़ा गांव का नाम
इसका इतिहास पुराना है। बहुत समय पहले की बात है, यहां तीन भाई रहते थे। एक का नाम पूरन तो दूसरे का बालम था। वहीं तीसरे भाई का नाम महेश था। आजादी के बाद जिस गांव में पूरन गए, उस जगह का नाम पूरनपुर पड़ गया। वहीं महेश जहां गए, उस जगह का नाम महेशुआ पड़ा। जहां बालम जाकर बस गए, उस गांव का नाम बालमपुर पड़ गया।
पतियाें को बालम कहती हैं महिलाएं
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि गांवों में पतियों काे महिलाएं बालम भी कहती हैं। इस कारण महिलाओं को इस गांव का नाम लेने में शर्म आती हैं। वे किसी बड़े बुजुर्ग से इस गांव का नाम लेने में शर्माती हैं। शुरु-शुरु में पुरुषों को भी इस गांव का नाम लेने में दिक्कत होती थी लेकिन अब उन्हें इसकी आदत हो गई है।