
उसने पुलिस को बताया कि वह जिला पूर्ति विभाग से त्रस्त होकर ऐसा करने जा रहा था। राधेश्याम ने बताया कि पिछले एक साल से राशन कार्ड में अपने परिवार का नाम जुड़वाने को परेशान था। पिछले साल उसका गरीब कोटे का राशन कार्ड पूर्ति विभाग ने खत्म कर दिया था।
केवाईसी के नाम पर उसका राशन कार्ड निरस्त होने से राधेश्याम इस कदर परेशान था कि इससे पार पाने का कोई उपाय नहीं सूझ रहा था। उसने अधिकारियों का ध्यान खींचने के लिए प्लास्टिक की थैली में कोबरा सांप रखकर उसे जिला पूर्ति कार्यालय ले जा रहा था।
आठ साल से बिना डॉक्टर के चल रहा कसारा पीएचसी
कोपागंज ब्लाॅक के कसारा गांव स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आठ साल से डॉक्टर नहीं है। फार्मासिस्ट के भरोसे अस्पताल का संचालन हो रहा है। अगर फार्मासिस्ट छुट्टी पर चला गया तो पीएचसी पर ताला लटक जाता है।
डॉक्टर के नहीं रहने से गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों का इलाज नहीं हो पा रहा है। लोगों को ब्लॉक मुख्यालय या जिला मुख्यालय जाना पड़ता है। कोपागंज ब्लाॅक क्षेत्र के कसारा गांव में दो दशक पहले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खुला, तो लोगों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की आस जगी। लेकिन स्वास्थ्य सुविधाएं बहाल न होने से लोगों को परेशान होना पड़ता है। आठ साल से यहां चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है।
अस्पताल का संचालन फार्मासिस्ट और लैब टेक्निशियन के भरोसे हो रहा है। फार्मासिस्ट के अवकाश के दिन अस्पताल पर ताला लगा रहता है। इसके चलते लगभग 50 हजार आबादी का इलाज जैसे-तैसे हो रहा है। अस्पताल में बेहतर इलाज की व्यवस्था न होने के कारण ही मरीजों को अब मजबूरी में 12 किलोमीटर दूर जिला अस्पताल तक की दौड़ लगानी पड़ रही है।
क्षेत्र के सौरभ राय, दीपक मिश्रा, नवनीत राय, हिमांशु राय, शुभम राय ने बताया कि स्थानीय लोगों के लिए अस्पताल शो पीस बनकर रह गया है। चिकित्सक की तैनाती के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों को कई बार प्रार्थनापत्र दिया गया, लेकिन आश्वासन के सिवाय कुछ भी हासिल नहीं हो सका है।